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अन्तर्राष्ट्रीय

अफगानिस्तान से रामभक्त ने भेजा काबुल नदी का जल, होगा रामलल्ला का जलाभिषेक

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अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में अफगानी जनता दहशत में जी रही है। ना अपनी मर्ज़ी से उन्हें जीने की आज़ादी है, ना ही कानून पहले जैसे हैं। इन सबके बीच भी राम भक्तों की तक़ात कम नहीं होती। बता दें कि अफगानिस्तान की एक राम भक्त ने पीएम मोदी को अफगानिस्तान से जल भेजा है। एक अफगानी लड़की ने पीएम मोदी को काबुल नदी का जल रामलल्ला के ऊपर चढ़ाने के लिए भेजा।

पीएम मोदी से किया था रामलल्ला के जलाभिषेक का अनुरोध

दरअसल सीएम योगी आज अयोध्या जाएंगे। सीएम योगी अयोध्या राम लला को चढ़ाने के लिए अफगानिस्तान से आया काबुल नदी का जल भी साथ ले जाएंगे। सीएम वहां भगवान रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन करेंगे। सीएम योगी काबुल नदी के जल में गंगा जल में मिलाकर राम लला का जलाभिषेक करेंगे।

सीएम योगी आज पहुंचेंगे अयोध्या

इसके बाद सीएम योगी 3 नवंबर को होने वाले दीपोत्सव की तैयारिओं का जाएज़ा लेंगे। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘पर्यावरण की रक्षा के साथ साथ अपने त्योहार को मनाया जा सकता है। दीपोत्सव के माध्यम से हम एक तरफ गायों की रक्षा कर सकेंगे तो दूसरी तरफ पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए अपना त्‍योहार भी धूमधाम से मना सकेंगे। इस बार एक अच्छा संयोग बन रहा है कि भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा तो दूसरी तरफ पवित्र गाय के गोबर से प्रदेश में दीपोत्सव मनाया जायेगा।’

Also Read-राकेश टिकैत ने दी सरकार को चुनौती, बोले-‘कर के जाएंगे कृषि कानूनों का अंतिम संस्कार’

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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