Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

अयोध्या में राम लला के जन्मोत्सव की धूम,लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे राम नगरी

Published

on

Loading

आज देश भर में धूम धाम से राम नवमी का त्यौहार मनाया जा रहा है। चैत्र राम नवमी की तिथि पर आज 12 बजे दिन में अयोध्या के करीब 5 हजार मंदिरों में भए प्रकट कृपाला के उद्घोष के साथ प्रभु श्रीराम का प्रतीकात्‍मक जन्‍म होगा। जिसे भव्‍य उत्‍सव के रूप में मनाने के लिए प्रशासन के साथ और मठमंदिरों में तैयारी पूरी हो गई है। अयोध्‍या में इस साल रामनवमी का पर्व पूरी भव्यता से मनाया जा रहा है। प्रभु राम के जन्‍मोत्‍सव का आनंद लेने के लिए 2019 की राम नवमी की तुलना में करीब दो गुना ज्‍यादा भीड़ पहुंच चुकी है।

एडीएम सिटी सलिल कुमार पटेल के मुताबिक अयोध्‍या में शनिवार अष्‍ठमी के पर्व से ही लाखों की भीड़ का पहुंचना जारी है। शनिवार सायं तक करीब 20 लाख श्रद्धालु मठ मंदिरों और अयोध्‍या की सड़कों पर जमा हैं। उन्‍होंने बताया कि श्रद्धालुओं का आना रातभर जारी रहा। राम नवमी के दिन रविवार को करीब 30 लाख की भीड़ अयोध्‍या में राम जन्‍मोत्‍सव में शामिल होने के लिए पहुंची है। अयोध्या के मठ मंदिरों में सांस्कृतिक आयोजन हो रहे हैं।

श्रद्धालुओं के लिए ठहरने पेयजल स्‍वास्‍थ्‍य और सुलभ दर्शन की व्‍यवस्‍था बनाई गई है। सरयू स्‍नान पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। उन्‍होंने बताया कि इस बार श्रीराम जन्‍मोत्‍सव पूरी भव्‍यता के साथ कनक भवन और राम जन्‍मभूमि मंदिरों में मनाया जा रहा है। उन्‍होंने बताया कि अयोध्या के 12 प्रमुख मठ मंदिरों में विजली की सजावट की गई है। 8 प्रमुख स्‍थलों पर सांस्‍कृतिक दल रंगारंग कार्यक्रम का प्रस्‍तुतीकरण कर रहे हैं। अनवरत रामलीला का मंचन भी जारी है।

पहली बार राम लला मंदिर में भव्‍यता के साथ प्रभु राम का जन्‍मोत्‍सव मनानें के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं। मंदिर ट्रस्‍ट के सदस्‍य डॉक्टर अनिल मिश्र के मुताबिक राम नवमी पर राम लला का विशेष श्रृंगार किया गया है। ठाकुरजी को पीले रंग का वस्‍त्र और सोने चांदी के आभूषणों को पहनाया गया है।

मंदिर के पुजारी आचार्य सत्‍येंद्र दास के मुताबिक टेलर भगवत प्रसाद ने राम लला मंदिर में विराजमान राम लला के साथ लक्ष्‍मण जी, भरत जी, शत्रुघ्‍न जी और हनुमान जी के बाल रूप की पीले रंग की ड्रेस तैयार की है। इसे रामनवमी पर उन्‍हें पहनाया गया है। पुजारी के मुताबिक राम नवमी को रामलला के जन्‍मोत्‍सव पर पंजीरी पंचामृत, फल, मेवा पेड़ा आदि का भोग लगेगा। श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण भी किया जाएगा।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

Continue Reading

Trending