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प्रादेशिक

यूपी में हुई रिकार्ड गेहूं खरीद, किसानों को 10233.29 करोड़ रू का भुगतान

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने रबी विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत कुल 56.39 लाख मी0टन गेहूँ की खरीद की हैै, जो कि प्रदेश में अब तक की रिकाॅर्ड खरीद है। इस योजना से 1297829 किसानों को लाभान्वित किया गया है और 10233.29 करोड़ रूपये का भुगतान पी0एफ0एम0एस0 के माध्यम से सीधे किसानों के बैंक खाते में कराया गया। यह जानकारी प्रदेश के खाद्य आयुक्त श्री मनीष चौहान ने देते हुए बताया कि इससे पूर्व प्रदेश में वर्ष 2018-19 में 52.92 लाख मी0टन सर्वाधिक खरीद की गयी थी। वर्ष 2019-20 में 37.04 लाख मी0टन तथा गतवर्ष 2020-21 में 663810 किसानों से कुल 35.76 लाख मी0टन की खरीद की गयी थी। इस प्रकार गत वर्ष की तुलना में 20.63 लाख मीट्रिक टन की अधिक खरीद की गयी है और 634019 अधिक किसानों को लाभान्वित किया गया है।

उन्होंने ने बताया प्रदेश में इस वर्ष पहली बार क्रय केन्द्रों पर गेहूँ की खरीद इलेक्ट्राॅनिक प्वांइट आॅफ परचेज (म.चवच) के माध्यम से करायी गयी, जिसके अन्तर्गत किसानों का आधार एवं बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण कराते हुये गेहूँ की खरीद की गयी। खाद्य आयुक्त ने बताया कि कोविड-19 महामारी के समय में प्रदेश में सात क्रय एजेन्सियों के 5678 क्रय केन्द्र संचालित किये गये और क्रय केन्द्रों पर सोशल डिस्टेसिंग व कोविड प्रोटोकाल का अनुपालन कराते हुए गेहूँ की खरीद करायी गयी। उन्होंने बताया कि इस वर्ष बरेली सम्भाग द्वारा 7.96 लाख मी0टन, लखनऊ सम्भाग द्वारा 6.35 लाख मी0टन, मुरादाबाद सम्भाग द्वारा 3.80 लाख मी0टन, गोरखपुर सम्भाग द्वारा 3.62 लाख मी0टन तथा अलीगढ़ सम्भाग द्वारा 3.43 लाख मी0टन सर्वाधिक खरीद की गयी है।

चौहान ने बताया कि इस बार गेहूँ खरीद रिकार्ड 1610145 किसानों द्वारा आनलाईन पंजीकरण कराया गया, जबकि गत वर्ष कुल 794484 किसानों द्वारा पंजीकरण कराया गया था। उन्होंने बताया कि इस वर्ष खाद्य विभाग ने 14.20 लाख मी0टन, पी0सी0एफ0 ने 26.57 लाख मी0टन, यू0पी0पी0सी0यू0 ने 6.32 लाख मी0टन, यू0पी0एस0एस0 ने 4.32 लाख मी0टन, एस0एफ0सी0 ने 1.12 लाख मी0टन, मण्डी परिषद ने 1.67 लाख मी0टन तथा भारतीय खाद्य निगम ने 1.39 लाख मी0टन खरीद की है।

प्रादेशिक

बेंगलुरु इस्कॉन मंदिर में मनाया जा रहा है 25वीं रजत जयंती का ब्रम्ह महोत्सव

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लखनऊ। बेंगलुरु “इस्कॉन मंदिर” में भगवान और समाज की सेवा की “25वीं रजत जयंती” के वर्षों को 21 अप्रैल से 03 मई तक चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का अविस्मरणीय अलौकिक दिव्य-भव्य “ब्रम्ह महोत्सव” पूजा-अर्चना समारोह आयोजित* हुआ है।

इस दरम्यान *प्रभु मधु पंडित व प्रभु चंचल पति , प्रभु लक्ष्मीपति और प्रभु अनंतवीर्य ने अपने-अपने विचारों से अवगत कराया।

सभी भक्तों को बताया कि *प्रभु पाद जी के त्याग और समर्पण भाव से प्रेरणा* लेनी चाहिए। उन्होंने साथ ही यह भी बताया गृहस्थ जीवन में भी सभी को नियमित ब्रम्हमुहूर्त में महामंत्र का जाप करना चाहिए। श्रीकृष्ण जी की गीता वाणी का अध्ययन करके अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए। इस्कॉन मंदिर में काफी संख्या में भक्तगण राधा कृष्ण का दर्शन करके प्रसादम् और आशीर्वाद लेते हैं। संध्या काल में राधा-कृष्ण पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं। मंदिर में अन्य दिनों की अपेक्षा प्रत्येक शनिवार और रविवार को सभी आयु वर्गों के भक्तों की अत्यधिक उपस्थिति रहती है।

*बेंगलुरु में इस्कॉन मंदिर श्री कृष्ण भगवान और समाज की सेवा के 25वीं रजत जयंती के वर्षों को चिह्नित करते हुए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का “ब्रम्ह महोत्सव का उत्सव” 21 अप्रैल से 03 मई तक मनाया* जा रहा है। इसमें भाग लेने के लिए संपूर्ण भारत के विभिन्न राज्यों से भक्तजन आते हैं।

*इस्कॉन का हरे कृष्ण मंदिर*
इस्कॉन मंदिर (*International Society for Krishna Consciousness) बेंगलुरु की खूबसूरत इमारतों में से एक है*। इस इमारत में कई अत्याधुनिक सुविधाओं में *मल्टी-विजन सिनेमा थियेटर, कम्प्यूटर सहायता प्रस्तुतिकरण थियेटर एवं वैदिक पुस्तकालय और उपदेशात्मक पुस्तकालय* है। इस *मंदिर के अनुयाई सदस्यों व गैर-सदस्यों* के लिए यहां रहने की भी काफी उत्तम सुविधा उपलब्ध है। मालूम हो कि अपनी विशाल सरंचना के कारण *इस्कॉन मंदिर बेंगलुरु में बहुत प्रसिद्ध* है और इसीलिए *बेंगलुरु का सबसे मुख्य पर्यटन स्थान* भी है। इस मंदिर में आधुनिक और *वास्तुकला का दक्षिण भरतीय मिश्रण परंपरागत रूप से पाया जाता* है। मंदिर में अन्य संरचनाएं *बहु दृष्टि सिनेमा थिएटर और वैदिक पुस्तकालय*। मंदिर में भक्तों के लिए रहने कि सुविधाएं भी उपलब्ध है।

*इस्कॉन मंदिर के बैंगलुरु में छ: मंदिर हैं*

*राधा-कृष्ण मंदिर (मुख्य मंदिर)*
*कृष्ण-बलराम मंदिर,*
*निताई गौरंगा मंदिर (चैतन्य महाप्रभु और नित्यानन्दा),*
*श्रीनिवास गोविंदा (वेंकटेश्वरा)*
*प्रहलाद-नरसिंह मंदिर एवं श्रीला प्रभुपादा मंदिर*
*बैकुंठ हिल में तिरुपति बालाजी मंदिर और योग व भोग नरसिम्हा मंदिर*
उत्तर बेंगलुरु के राजाजीनगर में स्थित *राधा-कृष्ण का मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा इस्कॉन मंदिर है*। इस *मंदिर का शंकर दयाल शर्मा ने सन् 1997 में उद्घाटन* किया था।

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