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जम्मू-कश्मीर

जम्मू कश्मीर: नेशनल कॉन्फ्रेंस को झटका, भाजपा में शामिल हुईं पूर्व एमएलसी डॉ. शहनाज गनई

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Jammu Kashmir former MLC Dr. Shahnaz Ganai joins BJP

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जम्मू। नेशनल कांफ्रेंस की पूर्व एमएलसी डॉ. शहनाज गनई सोमवार को भाजपा में शामिल हो गई हैं। नई दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में उन्होंने भाजपा की सदस्यता ली। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव एवं जम्मू कश्मीर के पार्टी प्रभारी तरुण चुघ, केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने उनका भाजपा में स्वागत किया। भाजपा नेताओं ने अनुसूचित जनजातियों और महिलाओं के लिए उनके काम की सराहना की।

लोकसभा चुनाव से ठीक पहले शहनाज गनई का भाजपा में जाना नेशनल कांफ्रेंस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वह नेशनल कॉन्फ्रेंस की पूर्व एमएलसी रह चुकी हैं। वह जम्मू संभाग के जिला पुंछ की रहने वाली हैं। शहनाज नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री गुलाम अहमद गनई की पुत्री हैं। उनकी पीर पंजाल क्षेत्र में पकड़ है।

2013 में पंचायत कोटा के खिलाफ नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार के रूप में विधान परिषद के लिए चुनी गईं और 2018 में अपना कार्यकाल पूरा किया। गनई ने साल 2019 में नेकां से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही वह कई बार मोदी सरकार की योजनाओं के पक्ष में खड़ी नजर आईं थीं और इनके लिए मोदी सरकार की सरहाना कर चुकी हैं।

भाजपा में शामिल होने के दौरान शहनाज गनई ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के विकासात्मक प्रयासों ने उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर क्षेत्र वर्तमान में बड़े पैमाने पर परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है क्योंकि शांति और विकास गतिविधियों ने नई गति पकड़ी है।

उन्होंने कहा, ‘मैं आज इस भाव के लिए भाजपा नेतृत्व का बहुत आभारी हूं। मैं पीएम मोदी के विकासात्मक प्रयासों से बहुत प्रेरित हूं। देश बड़े पैमाने पर बदलाव देख रहा है जिसमें महिलाओं और किसानों का सशक्तिकरण शामिल है।

साथ ही जम्मू-कश्मीर में शांति और विकासात्मक गतिविधियों ने नई गति पकड़ी है। पर्यटन गतिविधियां बढ़ रही हैं और पहाड़ी समेत अन्य समुदायों को आरक्षण का लाभ मिला है।’ उन्होंने यह भी कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग आगामी संसदीय चुनावों में भाजपा को जीत दिलाने के लिए उत्सुक हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हैट्रिक मिलेगी।

जम्मू-कश्मीर

J&K बजट: सुरक्षा पर सरकार ने खोला खजाना, बनेंगी 42 नई बॉर्डर पुलिस चौकियां; घुसपैठरोधी तंत्र होगा मजबूत

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J&K Budget

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जम्मू। जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा है कि अगले वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सुरक्षा संबंधी गतिविधियों पर 1200 करोड़ से अधिक की धनराशि मंजूर की गई है जिसमें 42 नई बॉर्डर पुलिस चौकियां बनाई जाएंगी। इससे सीमांत क्षेत्रों में घुसपैठरोधी तंत्र को मजबूत किया जा सकेगा।

पूंजी खर्च के तहत 1284.45 करोड़ रुपये सुरक्षा के लिए

उपराज्यपाल ने रविवार को जम्मू कश्मीर के लिए 2024-25 के बजट के विभिन्न पहलुओं को बताते हुए  कहा कि राजस्व और पूंजी खर्च के तहत 1284.45 करोड़ रुपये सुरक्षा संबंधी गतिविधियों के लिए रखे गए हैं। इससे 1218 सामुदायिक और व्यक्तिगत बंकर सीमांत क्षेत्र के लोगों के लिए बनाए जाएंगे।

जम्मू कश्मीर में निवेश का माहौल बनाने पर केंद्रित

पुलिस स्टेशनों में बुनियादी सुविधाओं, पुलिस पोस्ट, पुलिस हाउसिंग कांप्लेक्स के अलावा इंट्रापरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम को लागू करने का प्रोजेक्ट शामिल है। उन्होंने कहा कि बजट सुशासन, जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने, सतत कृषि विकास, जम्मू कश्मीर में निवेश का माहौल बनाने पर केंद्रित है।

पंचायती राज के लिए 3730.83 करोड़ रुपये

सुशासन के तहत सभी पंचायतों व कार्यालयों को ई-आफिस से जोड़ा जाएगा। पूंजी खर्च के तहत 5038 करोड़ रुपये जल सप्लाई और सिंचाई, ग्रामीण विकास और पंचायती राज के लिए 3730.83 करोड़, कृषि और संबंधित क्षेत्र के लिए 2029.95 करोड़।

स्वस्थ और वेलनेस के लिए 1427.61 करोड़, बिजली के लिए 1875 करोड़, पर्यटन के लिए 469.20 करोड़ मंजूर किए गए हैं। शिक्षा के लिए 1300.10 करोड़, आवास एवं शहरी विकास के लिए 2329.55 करोड़ मंजूर किए गए हैं।

आतंकवाद पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कही बड़ी बात

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रविवार को जम्मू कन्वेंशन सेंटर में प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि आतंकवाद पर तेजी से कार्रवाई हो रही है, हम अपना काम करते रहेंगे। पहाड़ी समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने की लंबे समय से की जा रही मांग को पूरा किया है। इसके चलते पहले से आरक्षण का लाभ ले रहे गुज्जर बक्करवाल पर फर्क नहीं पड़ेगा।

जब उनसे पूछा कि कुछ लोग इस पर राजनीति कर रहे हैं तो उन्होंने यह किया था जब हमने भूमिहीन लोगों को पांच मरले के प्लाट दिए थे, तब भी राजनीति हुई थी। उन्हें अपना काम करने दो, हम अपना काम करते रहेंगे।

कश्मीर में तिरंगा लहरा रहा है, आतंकवाद पर तेजी से कार्रवाई हो रही है तो श्रीनगर में संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय बंद क्यों नहीं? के सवाल पर उपराज्यपाल ने कहा कि मामले को देखा जाएगा।

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