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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोनाः ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन अस्पताल में भर्ती, डॉक्टर ने कही ये बात

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस इस समय पूरी दुनिया में फैल चुका है। हर रोज इससे हजारों की संख्या में लोगों की जान जा रही है। राजनेता हो या आम इंसान यह खतरनाक वायरस सभी को अपना शिकार बना रहा है।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस वायरस से अब तक 69 हजार लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 12 लाख से ज्यादा लोग अभी भी इस कोरोना से लगातार जूझ रहे हैं। हालांकि राहत वाली बात ये है कि इस वायरस के चपेट में आने के बाद 2 लाख 60 हजार लोग ठीक भी हो चुके हैं।

इस बीच ब्रिटेन के प्रधानमंत्री को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। जानकारी के अनुसार हाल ही में कोरोना पॉजिटिव पाए गए बोरिस जॉनसन को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक रविवार देर रात उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ब्रिटिश पीएम के बारे में जानकारी देते हुए कार्यालय ने बताया कि जॉनसन में कोरोना वायरस के लक्षण अभी भी दिखाई दे रहे हैं।

यही वजह है कि टेस्ट के लिए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के मुताबिक डॉक्टर की सलाह पर एहतियात के तौर पर उन्हें अस्पताल में एडमिट किया गया है।

गौरतलब है कि 27 अप्रैल को बोरिस जॉनसन के कोरोना पॉजिटिव होने की बात सामने आई थी। संक्रमित होने के बाद ब्रिटिश पीएम ने खुद को आइसोलेट कर लिया था।

इससे पहले कोरोना वायरस के शाही महल तक पहुंचने की भी खबर आई थी। 71 वर्षीय प्रिंस चार्ल्स को कोरोना पॉजिटिव पाया गया था। क्लेरेंस हाउस ने घोषणा की थी कि प्रिंस चार्ल्स का कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया है।

मगर उनका स्वास्थ्य ठीक है प्रिंस के कोरोना से संक्रमित होने की खबर से पूरे ब्रिटेन में हड़कंप मच गया था। प्रिंस चार्ल्स का कोरोना वायरस का टेस्ट स्कॉटलैंड में किया गया था। फिलहाल उन्होंने वहीं अपने घर पर खुद को आइसोलेट कर लिया है।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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