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अन्तर्राष्ट्रीय

पहली बार भारत आ रहे बोरिस जॉनसन, गुजरात से शुरू होगा दौरा

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ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन जब भारत की यात्रा पर रहेंगे तो वे अपनी घरेलू समस्याओं को पीछे छोड़ने की कोशिश करेंगे। आपको बता दें कि जॉनसन भारत की यात्रा पर दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के इरादे से आएंगे। दोनों देशों ने यूक्रेन संकट की प्रतिक्रिया पर एक-दूसरे से आंखें नहीं मिलाई हैं। आपको बता दें कि बोरिस जॉनसन ने हाल ही में जुर्माना दिया है। उन्हें जून 2020 में कोरोना लॉकडाउन के दौरान डाउनिंग स्ट्रीट में जन्मदिन की पार्टी में भाग लेने के लिए नियमों को तोड़ने का आरोपी बनाया गया था।

ब्रिटेन में मंगलवार को ईस्टर की छुट्टी खत्म होगी। संसद भी खुलेगा। शनिवार देर रात जारी विवरण में जॉनसन के कार्यालय ने कहा कि ब्रिटिश पीएम भारत की अपनी यात्रा का उपयोग दोनों देशों के बीच संबंधों को गहरा करने के लिए करेंगे। दोनों देशों की रणनीतिक रक्षा, राजनयिक और आर्थिक साझेदारी पर वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गहन बातचीत करने वाले हैं।

इस दौरान वह एक मुक्त व्यापार सौदे पर बातचीत में प्रगति के लिए भी जोर देंगे, जिसे ब्रिटेन अपनी ब्रेक्सिट के बाद की रणनीति के हिस्से के रूप में स्ट्राइक करने की उम्मीद कर रहा है। उनके कार्यालय ने कहा कि इस तरह के व्यापार सौदे की भविष्यवाणी की गई थी कि 2035 तक ब्रिटेन के कुल व्यापार में सालाना 28 बिलियन पाउंड (36.5 बिलियन डॉलर) तक की वृद्धि होगी। लेकिन यूक्रेन संघर्ष पर असहमति के कारण यह यात्रा आंशिक रूप से प्रभावित होगी।

पश्चिमी सहयोगियों ने रूस से हथियार आयात करने वाले भारत से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कड़े शब्दों में निंदा करने का आह्वान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस सप्ताह की शुरुआत में पीएम मोदी से कहा था कि रूस से अधिक तेल खरीदना भारत के हित में नहीं होगा। ब्रिटिश व्यापार मंत्री ऐनी-मैरी ट्रेवेलियन ने भी कहा कि पिछले महीने ब्रिटेन भारत के रुख से बहुत निराश था। हालांकि, जॉनसन ने कहा है कि एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में भारत एक अत्यधिक मूल्यवान रणनीतिक साझेदार है।

उन्होंने एक बयान में कहा, “चूंकि हम निरंकुश राज्यों से अपनी शांति और समृद्धि के लिए खतरों का सामना कर रहे हैं, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि लोकतंत्र और मित्र एक साथ रहें।” आपको बता दें कि पिछले साल जॉनसन को कोरोना महामारी के कारण अपनी भारत की यात्रा रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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