प्रादेशिक
आंध्र प्रदेश ने सिंगापुर विश्वविद्यालय से हाथ मिलाया
हैदराबाद| आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य में कारोबार करने की प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर मंगलवार को हस्ताक्षर किया। इस एमओयू पर मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू के सिंगापुर दौरे के दूसरे और आखिरी दिन हस्ताक्षर हुए। यह समझौता आंध्र प्रदेश में कारोबार करने की प्रक्रिया को आसान बनाने और उससे संबंधित गतिविधियों के लिए मास्टप्लान तैयार करने की दिशा में किया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक, इस एमओयू की अवधि एक अप्रैल, 2015 से तीन मार्च, 2018 तक है। इस संदर्भ में सभी पक्ष कारोबार करने में आसानी और आर्थिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने में रणनीतियों व आकलनों जैसे दिलचस्प मुद्दों पर संयुक्त-अनुसंधान कार्यक्रमों के संचालन में सहयोग करेंगे।
इस एमओयू से आंध्र प्रदेश और निजी क्षेत्र के निवेशकों (स्थानी और विदेशी दोनों) के बीच साझा हितों और सहयोगी अवसरों को स्थापित करने और उन्हें पहचानने में मदद मिलेगी। सिंगापुर के ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी के एशियाई प्रतिस्पर्धी संस्थान को निवेश अनुसंधान करने, आर्थिक माहौल पर शोध करने और आंध्र प्रदेश, एशिया और चीन में निवेश अवसरों का पता लगाने के लिए एक मंच के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। नायडू को उम्मीद है कि एमओयू से सिंगापुर के साथ संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही दोनों देशों के बीच कई नए उपायों को लाने और सांस्कृतिक आदान-प्रदान में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “हम विकास में और एक सुखी, स्वस्थ और समृद्ध आंध्र प्रदेश के निर्माण में बेहतर काम करने की दिशा में मिल कर काम करें।”
प्रादेशिक
गोयल इंस्टीट्यूट के छात्रों ने स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट कला विधि से बनाया पीएम मोदी का पोर्ट्रेट
लखनऊ। गोयल इंस्टीट्यूट ऑफ़ हाईयर स्टडीज महाविद्यालय लखनऊ के ललित कला विभाग के छात्रों ने 30 फीट के आकार में स्ट्रिंग पोर्ट्रेट थ्रेड आर्ट की कला से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पोर्ट्रेट बनाया।
यह दृश्य कला की नई विधा में धागे से बना पोर्ट्रेट अपने आप में खास है। इसे बनाने में कुल 30 घंटे का समय लगा। जिसमें धागे का वजन लगभग 15 किलो तथा उस धागे की कुल लंबाई लगभग 45 किलोमीटर है। छात्रों ने बताया कि चित्र के आकार में इस प्रकार की कला में यह अब तक का सबसे बड़ा आर्टवर्क है जो इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ द रिकॉर्ड, इंटरनेशनल बुक ऑफ द रिकॉर्ड तथा गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए प्रस्तावित है।
आठ छात्रों की टीम (ब्रेकअप टीम) का नेतृत्व बाराबंकी स्थित अमोली कला, रामनगर निवासी देवाशीष मिश्रा द्वारा किया गया। टीम के अन्य महत्वपूर्ण सदस्यों में अभिषेक महाराणा, आदर्श शांडिल्य, लारैब कमाल खान, अभय यादव, सानिध्य गुप्ता, आरुषि अग्रवाल व कृतिका जैन का नाम शामिल है। इसका संचालन डॉक्टर संतोष पांडेय, प्राचार्य गोयल इंस्टीट्यूट आफ हायर स्टडीज महाविद्यालय ने किया। निरीक्षण श्रीमती शिखा पांडेय वह राकेश प्रभाकर द्वारा किया गया। इसमें ललित कला विभाग के प्राध्यापकों व समस्त छात्रों के सहयोग रहा।
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