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नेशनल

ऋतिक नहीं, इस शख्स ने बढ़ाईं कंगना की मुश्किलें, पुलिस ने भेजा समन

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मुंबई। बॉलीवुड की बहुचर्चित और अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी कंगना रनौत अक्सर विवादों में घिरी रहती हैं। कभी किसी से हुई बातचीत के चलते तो कभी अपने रिलेशनशिप को लेकर। लेकिन अब कंगना एक और विवाद में घिर गई हैं। एक प्रॉपर्टी डीलर ने कंगना और उनकी बहन रंगोली के खिलाफ कमीशन पेमेंट के बकाया होने की शिकायत दर्ज कराई है। जिसके चलते कंगना को मंबई के खार पुलिस स्टेशन से समन भी मिला है।

आरोप के मुताबिक कंगना ने मुंबई के पाली हिल में एक बंगला खरीदा था। जिसमें प्रॉपर्टी डीलर को दिया जाने वाला कमीशन बकाया है। इसी के चलते प्रॉपर्टी डीलर ने खार पुलिस स्टेशन में कंगना, उनकी बहन रंगोली और उनके स्टाफ के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा दी। दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्टस की मानें तो कंगना दावा कर रही हैं कि उनकी फाइनेंस टीम ने एक फीसदी कमीशन जो कि तकरीबन 20 लाख रुपये के आसपास है, का भुगतान कर दिया है।

कंगना प्रत्यारोप लगाते हुए कह रही हैं कि प्रॉपर्टी डीलर अब 2 फीसदी कमीशन मांग रहा है, जो कि जायज नहीं है। खबरों की मानें तो इस साल जुलाई के अंत में प्रॉपर्टी डीलर प्रकाश रोहिरा ने खार पुलिस स्टेशन में कंगना के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज करवाई थी।

नेशनल

कैंसर से जूझ रहे सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान का निधन, लखनऊ के अस्पताल में ली अंतिम सांस

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लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का शुक्रवार को निधन हो गया। वो लखनऊ के मेयो अस्पताल में भर्ती थे जहां उनका काफी समय से कैंसर का इलाज चल रहा था। उनकी हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही थी। शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

बता दें कि अतुल अंजान ने अपना राजनीतिक सफर 1977 में शुरू किया था। वह सबसे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। वह सबसे प्रतिभाशील और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे।

वह टीवी डिबेट में और कई दूसरे राजनीतिक कार्यक्रमों में लगातार पार्टी का प्रतिनिधित्व करते थे। अपनी राजनीति का लोहा इन्होंने कॉलेज के दिनों से ही मनवा लिया था। छात्र राजनीति में इनके कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष बन गए थे। अतुल कुमार लगातार चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. यूनिवर्सिटी के समय से ही वह लेफ्ट की विचारधारा पर चलते थे।

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