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अन्तर्राष्ट्रीय

रूसी महिलाएं फीफा वर्ड कप में टूरिस्ट्स संग कर सकेंगी सेक्स, पुतीन ने दी खुली छूट

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फीफा वर्ल्ड कप शुरू होने को है। फुटबॉल प्रेमियों पर इसका शुरूर छाना शुरू हो गया है। फीफा वर्ल्ड कप के दौरान रसियन बालाएं आने वाले टूरिस्ट्स के संग सेक्स कर सकेंगी। रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने इसके लिए रसियन महिलाओं को खुली छूट दे दी है। फीफा वर्ल्ड कप का खुमार पूरे विश्व के सर चढ़ कर बोलता है। इस दौरान काफी बड़ी संख्या में टूरिस्ट्स फुटबॉल मैच देखने आते हैं। शराब, शवाब का बेहिसाब दौर चलता है ऐसे में बीच में ख़बर आयी थी कि पूरे वर्ल्ड कप के दौरान प्रोसिट्यूट्स दूर रहेंगी। इस ख़बर से फुटबाल प्रमियों में काफी निराशा थी।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने कहा कि रूस की महिलाएं फीफा वर्ल्ड कप के दौरान टूरिस्ट्स के साथ संबंध बना सकती हैं। पुतिन के प्रवक्ता पेस्कोव ने कहा, ‘जहां रूस की महिलाएं दुनिया की सर्वश्रेष्ठ महिलाएं हैं इसलिए वे इसका फैसला खुद लें। इससे पहले रूस की एक महिला सांसद ने स्थानीय युवतियों को आगाह करते हुए कहा था कि उन्हें विदेशियों के साथ सैक्स करने से बचना चाहिए।

फीफा वर्ल्ड कप के मेजबान देश की 70 वर्षीया सांसद तमारा प्लेटेनयोवा ने मॉस्को के एक रेडियो कार्यक्रम में रूसी महिलाओं को यह हिदायत दी थी कि वे ऐसा करने से बचें। उन्होंने बाद में यह भी कहा कि अगर किसी रूसी युवती को वाकई ऐसा करने की जरूरत महसूस हो रही हो तो वे इसके लिए अपनी ही नस्ल के पार्टनर की तलाश करें और उनसे संबंध बनाकर बच्चे पैदा कर उनका लालन-पालन करें।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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