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‘इंडियाज डॉटर’ पर 15 अप्रैल तक जारी रहेगी रोक

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नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को आदेश दिया कि बीबीसी के विवादित वृत्तचित्र ‘इंडियाज डॉटर’ के प्रदर्शन पर रोक जारी रहेगी और सरकार से इस मामले में जारी किए गए दिशा-निर्देशों को पेश करने के लिए कहा। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी एवं न्यायमूर्ति आर. एस. एंडलॉ की खंडपीठ ने केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ दी गई दो याचिकाओं पर सुनवाई 15 अप्रैल को करेगा। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि वृत्तचित्र के प्रसारण पर रोक कम से कम 15 अप्रैल तक जारी रहेगी।

खंडपीठ ने कहा, “केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से तीन मार्च को जारी दिशा-निर्देश न्यायालय में पेश की जाए।” इससे पहले, एक अन्य पीठ ने वृत्तचित्र के प्रसारण पर लगी रोक को तत्काल रद्द करने से इंकार कर दिया था। उसने कहा था कि वृत्तचित्र के प्रसारण में कोई समस्या नहीं है, लेकिन मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है। उसने यह भी कहा था कि मीडिया ट्रायल से न्यायाधीश के अवचेतन पर दवाब पड़ता है।

यह वृत्तचित्र सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 23 वर्षीय पीड़िता से संबंधित है, जिससे 16 दिसंबर, 2012 को एक चलती बस में दिल्ली में बेहद बेदर्दी से सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। इसमें दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद दोषी मुकेश सिंह का साक्षात्कार है, जिसपर देश की कई संस्थाओं ने तीखी प्रतिक्रिया जताई थी। वृत्तचित्र में दोषी के वकील ए.पी.सिंह तथा एम.एल.शर्मा की टिप्पणियां भी हैं, जिसमें उन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपमानजक बातें कही हैं। इसके प्रसारण पर रोक के बाद देश में खासा बवाल मच गया है।

जनहित याचिका के मुताबिक, वृत्तचित्र पर रोक स्पष्ट तौर पर संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मूल अधिकारों का उल्लंघन है। याचिका में गृह मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय तथा दिल्ली के पुलिस आयुक्त द्वारा वृत्तचित्र पर रोक लगाने की प्रक्रिया को अवैध करार देने की मांग की गई है। याचिका में मौत की सजा पाए चारों दोषियों की अपील की सुनवाई के लिए तीन न्यायाधीशों की विशेष पीठ का गठन करने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है। यह अपील 25 अगस्त, 2014 से ही लंबित है।

याचिका के मुताबिक, सर्वोच्च न्यायालय ने जुलाई में चारों दोषियों की मौत की सजा टाल दी थी। सोशल मीडिया के मुताबिक, भारी संख्या में लोग इस वृत्तचित्र को देखना चाहते हैं, क्योंकि जब इस वीडियो को यू ट्यूब पर डाला गया था इसे 2.86 लाख से अधिक लोगों ने देखा था।

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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