प्रादेशिक
बिहार : मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई डुबकी
पटना| राजधानी पटना सहित बिहार के कई क्षेत्रों में बुधवार को मकर संक्रांति के मौके पर गंगा सहित कई नदियों, जलाशयों में हजारों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इस मौके पर श्रद्घालुओं ने गंगा स्नान के बाद दान-पुण्य किए। हालांकि बिहार के अधिकांश क्षेत्रों में गुरुवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। पटना में गंगा स्नान के लिए लोग मंगलवार शाम से ही जुटने लगे थे। बुधवार को ठंड के बावजूद सुबह से ही गंगा के विभिन्न घाटों में पहुंचकर लोगों ने स्नान किए। मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान करने और गंगा तट पर तिल का दान करने से सारे पाप कट जाते हैं।
विद्वानों के मुताबिक इसी दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में जाते हैं और उत्तरायण हो जाते हैं। पंडितों का कहना है कि सूर्य के धनु से मकर राशि में जाने से खरमास भी समाप्त हो जाता है और शुभ कार्य प्रारंभ हो जाते हैं। वैसे बिहार के अधिकांश क्षेत्रों में गुरुवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा।
पंडित जय कुमार शास्त्री के मुताबिक, सभी पंचांगों के अनुसार सूर्य धनु राशि से मकर राशि में 14 जनवरी (बुधवार) की रात एक बजे के बाद प्रवेश करेंगे। शास्त्र के अनुसार 12 बजे रात्रि के बाद जब भी मकर संक्रांति होती है, उसका पूर्णकाल अगले दिन मनाया जाता है। इस कारण मकर संक्रांति गुरुवार को मनाई जाएगी। हालांकि कई लोग बुधवार को भी मकर संक्रांति मना रहे हैं।
मकर संक्रांति के दिन चूड़ा-दही तथा तिलकुट खाने की भी परंपरा है। इस दिन तिल खाने और तिल दान करने को भी शुभ माना जाता है।
मकर संक्रांति के मौके पर लोग मंदिरों में भी पहुंचकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं और दान-पुण्य कर रहे हैं। इस कारण मंदिरों में भारी भीड़ देखी जा रही है।
उत्तराखंड
चारधाम यात्रा में 31 मई तक VIP दर्शन पर रोक, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 19 मई तक बंद
हरिद्वार। अगर आप भी चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं तो ये खबर आपके लिए काफी अहम है। चारधाम यात्रा में VIP दर्शन व्यवस्था पर रोक लगा दी गई है। लोग 31 मई तक VIP सिस्टम के तहत दर्शन नहीं कर पाएंगे। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन भी 19 मई तक बंद रहेंगे। खराब मौसम और श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है।
चार धाम यात्रा 10 मई को शुरू हुई थी। छह दिन में ही देश-विदेश के 3,34,732 श्रद्धालु इनके दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। उत्तराखंड सरकार ने यात्रा के लिए 25 अप्रैल से चारधामों के लिए पंजीकरण शुरू किया और गुरुवार तक 27 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पंजीकरण हो गए।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पत्र जारी कर 31 मई तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगा दी है। यह भी कहा है कि धामों में सुगम दर्शन के लिए सरकार ने श्रद्धालुओं का पंजीकरण अनिवार्य किया है। अब दर्शन उसी दिन होंगे जिस तिथि का पंजीकरण किया गया है। इससे पहले 30 अप्रैल को राज्यों के मुख्य सचिवों को पत्र लिखकर 25 मई तक वीआईपी दर्शन की व्यवस्था पर रोके जाने का आदेश दिया था।
50 मीटर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध
उत्तराखंड सरकार ने भीड़ प्रबंधन की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इसमें 50 मीटर के दायरे में चारों धामों के मंदिर के परिसर में रील्स बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया लाइव आदि पर भी रोक लगा दी गई है। सरकार ने कहा है कि कुछ यात्रियों द्वारा मंदिर परिसर में वीडियो एवं रील बनायी जाती है और उन्हें देखने के लिए एक स्थान पर भीड़ एकत्रित हो जाती है जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में असुविधा होती है ।
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