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संसद में गतिरोध बरकरार, पीएम मोदी से माफी की मांग
नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही नोटबंदी के मुद्दे पर लगातार 11वें दिन गुरुवार को भी हंगामे की भेंट चढ़ गई। विपक्षी दल मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत लोकसभा में चर्चा पर और राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी की मांग पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
राज्यसभा में विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के बाहर कथित तौर पर उनके खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए उनसे माफी मांगने को कहा और भारी हंगामा किया। प्रधानमंत्री भोजनावकाश से पहले तथा बाद में राज्यसभा में मौजूद थे। विपक्ष द्वारा प्रधानमंत्री से माफी मांगने की मांग जारी रहने के बाद सुबह में सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए और फिर अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित हुई।
स्थगन के बाद अपराह्न् दो बजे सदन की कार्यवाही फिर से शुरू होने पर उपसभापति पी.जे.कुरियन ने विपक्षी सदस्यों को नोटबंदी पर बहस जारी रखने के लिए समझाने की कोशिश की। लेकिन, कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्य सभापति के आसन के पास एकत्रित होकर मोदी से माफी मांगने को कहने लगे।
कुरियन ने कहा, यह गलत है। आपकी मांग थी कि प्रधानमंत्री सदन में आएं। अब वह यहां मौजूद हैं। आप चर्चा जारी रखें। लेकिन विपक्ष उनकी बात को नजरअंदाज कर ‘प्रधानमंत्री माफी मांगो’ के नारे लगाने लगा। हंगामा खत्म न होने के कारण कुरियन ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले, दोपहर में मोदी सदन में उस वक्त पहुंचे, जब विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार ने धन विधेयक को पारित कर राज्यसभा की अनदेखी की और इस आरोप के बाद विपक्ष तथा सत्तापक्ष के बीच जुबानी जंग चल रही थी। धन विधेयक को राज्यसभा की मंजूरी की जरूरत नहीं होती।
प्रधानमंत्री के सदन में प्रवेश करते ही विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने विपक्ष को कथित तौर पर काले धन के समर्थक के रूप में प्रचारित करने को लेकर उन्हें माफी मांगने को कहा। वहीं, लोकसभा की कार्यवाही नोटबंदी के मुद्दे पर लगातार 11वें दिन एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। विपक्षी दल मतविभाजन के प्रावधान वाले नियम के तहत लोकसभा में चर्चा की मांग पर अड़े रहे।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने बुधवार रात तकनीकी गड़बड़ी के बावजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ले जा रहे विमान को कोलकाता हवाईअड्डे पर उतरने की अनुमति नहीं देने का मुद्दा उठाया।
लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने कहा कि ममता बनर्जी की जिंदगी खतरे में थी। नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि कोलकाता हवाईअड्डे पर विमान उतरने से पहले वह सिर्फ 13 मिनट तक ही आसमान में चक्कर काटता रहा। राजू ने यह भी कहा कि नागर विमानन निदेशालय (डीजीसीए) ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
यह मुद्दा राज्यसभा में भी गूंजा। इसके तुरंत बाद जैसे ही लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल का संचालन करना चाहा, कांग्रेस और तृणमूल के नेतृत्व में विपक्ष अध्यक्ष की आसंदी के पास इक_ा हो गया और नोटबंदी पर चर्चा की मांग करने लगा। वामपंथी पार्टियां, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सहित अन्य विपक्षी पार्टियों ने एकजुटता दिखाई। ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एआईएडीएमके) के नेता भी अपनी सीटों के पास खड़े रहे। हंगामे के बीच खेल मंत्री विजय गोयल ने कुछ सवालों के जवाब भी दिए।
विपक्षी पार्टियां हालांकि सरकार के खिलाफ नारेबाजी करती रहीं, जिसके बाद सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी। दोपहर बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, सुमित्रा महाजन ने विभिन्न मुद्दों पर स्थगन प्रस्ताव के सभी नोटिस खारिज कर दिए। हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष महाजन ने सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
बीते 16 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने के बाद से ही नोटबंदी के मुद्दे को लेकर जारी गतिरोध के कारण संसद में कामकाज बिल्कुल ठप है।
नेशनल
भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव
एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।
उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।
उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।
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