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नोटबंदी पर संसद में गतिरोध बरकरार, कामकाज ठप

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parliamentनई दिल्ली। नोटबंदी के मुद्दे पर संसद में गतिरोध शुक्रवार को भी जारी रहा। अपनी मांगों को लेकर विपक्षी दलों के अडिय़ल रवैए के कारण दोनों सदनों में कोई भी कामकाज नहीं हो सका। राज्यसभा में विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद के बाहर कथित तौर पर उनके खिलाफ की गई टिप्पणी के लिए उनसे माफी की मांग दोहराई और भारी हंगामा किया। जबकि लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने स्थगन प्रस्ताव के तहत नोटबंदी पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा किया।

पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार को कथित तौर पर बिना कोई सूचना दिए टोल प्लाजा पर सेना की तैनाती के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा हुआ, जिसके कारण दोनों सदनों की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न हुआ। केंद्र सरकार तथा सेना ने आरोपों को बकवास करार देते हुए इसे नियमित सैन्य अभ्यास बताया।

विपक्षी सदस्यों ने शून्य काल के दौरान कई मुद्दों को उठाया। सभापति ने जैसे ही दोपहर 12 बजे प्रश्नकाल चलाने को कहा, विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद वे सभापति की आसंदी के पास पहुंच गए। उन्होंने मोदी तेरी हिटलरशाही, नहीं चलेगी, नहीं चलेगी के नारे लगाए। विपक्षी सदस्य हालांकि सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने नारेबाजी जारी रखी, जिस वजह से सभापति हामिद अंसारी ने सदन की कार्यवाही अपराह्न् 2.30 बजे तक स्थगित कर दी। लेकिन जैसे ही 2.30 बजे कार्यवाही एक बार फिर शुरू हुई, विपक्षी सदस्यों खासकर कांग्रेस के सदस्यों ने नारे लगाने शुरू कर दिए, जिसके बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पांच दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

वहीं, लोकसभा में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा जारी रखा। कांग्रेस तथा तृणमूल कांग्रेस के सदस्य नोटबंदी पर वोटिंग के प्रावधान के तहत चर्चा कराने की मांग पर अड़े रहे। लोकसभा की कार्यवाही जैसे ही शुरू हुई, तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने पश्चिम बंगाल में सेना की तैनाती का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस मामले में अंधेरे में रखा गया।

रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने यह कहते हुए तृणमूल नेता के दावे का खंडन किया कि यह नियमित अभ्यास था और ऐसा पिछले कई वर्षो से किया जाता रहा है।

इसके बाद विपक्षी कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के नेता अध्यक्ष की आसंदी के पास पहुंचकर सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ नारेबाजी करने लगे, जबकि ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कडग़म (एआईएडीएमके), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सदस्य अपनी सीटों पर खड़े हो गए।

लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने हंगामा कर रहे सदस्यों से प्रश्नकाल बाधित नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह अन्य सदस्यों का अधिकार है। उन्होंने हंगामा कर रहे कुछ सदस्यों को चेतावनी दी कि जब मंत्री सवाल का जवाब दे रहे हों, तो उन्हें परेशान न करें। प्रश्नकाल के दौरान जब हंगामा शांत नहीं हुआ, तो महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई, तो अध्यक्ष ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस मंजूर नहीं किया, जिसे विपक्ष के दर्जनों सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर दिया था। जैसे ही नोटिस को मंजूरी नहीं दी गई, विपक्षी सदस्य एक बार फिर अध्यक्ष की आसंदी के निकट एकत्रित हो गए और हंगामा करने लगे। हंगामे के बीच अध्यक्ष ने सदस्यों से महत्वपूर्ण मुद्दों को शून्य काल के दौरान उठाने को कहा। आधे घंटे के बाद, जब विपक्षी सदस्य शांत नहीं हुए तो अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

नेशनल

भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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