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नेशनल

वाराणसी के गैर सरकारी संगठनों से पीएम ने की सीधी बात, पूछा हालचाल

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रहे हैं। इस बैठक में वो कोरोना वायरस संकट के कारण लागू लॉकडाउन के दौरान उनकी तरफ खाद्यान्न वितरण एवं अन्य सहायता पहुंचाने संबंधी प्रयासों के बारे में चर्चा कर रहे हैं।

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उन्होंने कहा कि हजारों लोगों ने काशी के गौरव को बढ़ाया है। सैकड़ों संस्थाओं ने अपने आप को खपा दिया है। सबसे मैं बात नहीं कर पाया हूं, लेकिन मैं हर किसी के काम को आज नमन करता हूं। सेवाभाव से जुड़े हुए हर व्यक्ति को मैं प्रणाम करता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने कहा आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं, तब आपसे केवल जानकारी नहीं ले रहा हूं, बल्कि आप सबसे प्रेरणा ले रहा हूं। अधिक काम करने के लिए, आप जैसे लोगों ने इस संकट में काम किया, इनके आशीर्वाद ले रहा हूं।

कोरोना के इस संकट काल ने दुनिया के सोचने-समझने, काम-काज करने, खाने-पीने सबके तौर-तरीके पूरी तरह से बदल दिए हैं। जिस प्रकार से आपने सब ने सेवा की, इस सेवा का समाज जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है।

कबीरदास जी ने कहा है- ‘सेवक फल मांगे नहीं, सेब करे दिन रात’ अर्थात – सेवा करने वाला सेवा का फल नहीं मांगता, दिन रात निःस्वार्थ भाव से सेवा करता है। दूसरों की निस्वार्थ सेवा के हमारे यही संस्कार हैं, जो इस मुश्किल समय में काम आ रहें हैं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा।

#Narendramodi #varanasi #pmmodi #Uttarpradesh

 

नेशनल

कैंसर से जूझ रहे सीपीआई नेता अतुल कुमार अंजान का निधन, लखनऊ के अस्पताल में ली अंतिम सांस

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लखनऊ। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान का शुक्रवार को निधन हो गया। वो लखनऊ के मेयो अस्पताल में भर्ती थे जहां उनका काफी समय से कैंसर का इलाज चल रहा था। उनकी हालत दिन ब दिन खराब होती जा रही थी। शुक्रवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।

बता दें कि अतुल अंजान ने अपना राजनीतिक सफर 1977 में शुरू किया था। वह सबसे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे। वह सबसे प्रतिभाशील और सक्रिय कम्युनिस्ट नेताओं में से एक थे।

वह टीवी डिबेट में और कई दूसरे राजनीतिक कार्यक्रमों में लगातार पार्टी का प्रतिनिधित्व करते थे। अपनी राजनीति का लोहा इन्होंने कॉलेज के दिनों से ही मनवा लिया था। छात्र राजनीति में इनके कद का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि अतुल कुमार अंजान 20 साल की उम्र में नेशनल कॉलेज स्टूडेंट्स यूनियन के अध्यक्ष बन गए थे। अतुल कुमार लगातार चार बार लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. यूनिवर्सिटी के समय से ही वह लेफ्ट की विचारधारा पर चलते थे।

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