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स्पेशल रिपोर्ट : मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार हुआ आठ पुलिस वालों का हत्यारा विकास दुबे

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कानपुर शूटआउट के मोस्टवॉन्टेड विकास दुबे को मध्य प्रदेश के उज्जैन से गिरफ्तार कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने महाकालेश्वर मंदिर की पर्ची कटाई और इसके बाद खुद ही सरेंडर कर दिया। फिलहाल, स्थानीय पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया है।

यूपी पुलिस ने विकास दुबे की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि विकास दुबे ने बकायदा स्थानीय मीडिया को अपने सरेंडर की खबर दी थी। इसके बाद उज्जैन के महाकाल थाने के पास उसने स्थानीय पुलिस के सामने सरेंडर किया है।

पुलिस ने आरोपी विकास दुबे को गिरफ्तार कर लिया है और उसे महाकाल थाने में लेकर आई है। सरेंडर की खबर के बाद एसटीएफ की टीम उज्जैन रवाना हो गई है। मंदिर के बाहर चिल्लाया- मैं विकास दुबे हूं बताया जा रहा है कि विकास दुबे महाकाल मंदिर के सामने खड़ा था। जैसे ही वहां स्थानीय मीडिया पहुंची तो उसने चिल्लाया कि मैं विकास दुबे हूं। इसके बाद स्थानीय पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। तुरंत उसे गिरफ्तार किया गया और सीधे महाकाल थाने लाया गया है, जहां उससे पूछताछ की जा रही है।

#VikasDubeyArrested #Ujjain

नेशनल

सीएम बने रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने पद से हटाने वाली याचिका की खारिज

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नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उनके पद से हटाने की मांग वाली जनहित याचिका हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है कि अरविंद केजरीवाल अपने पद पर बने नहीं रह सकते हैं। हाई कोर्ट ने कहा कि ये कार्यपालिका से जुड़ा मामला है। दिल्ली के उपराज्यपाल इस मामले को देखेंगे और फिर वह राष्ट्रपति को इस भेजेंगे। इस मामले में कोर्ट की कोई भूमिका नहीं है।

केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने दी है, जो खुद किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं। सुरजीत सिंह यादव का कहना था कि वित्तीय घोटाले के आरोपी मुख्यमंत्री को सार्वजनिक पद पर बने रहने की अनुमति नहीं मिलनी चाहिए। याचिकाकर्ता सुरजीत ने अपनी याचिका में कहा था कि केजरीवाल के पद पर बने रहने से न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में दिक्कत आएगी, बल्कि न्याय प्रक्रिया भी बाधित होगी और राज्य में कांस्टीट्यूशनल सिस्टम भी ध्वस्त हो जाएगा।

याचिका में कहा गया था कि सीएम ने गिरफ्तार होने के कारण एक तरह से मुख्यमंत्री के रूप में अपना पद खो दिया है, चूंकि वह हिरासत में भी हैं, इसलिए उन्होंने एक लोक सेवक होने के कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने से खुद को अक्षम साबित कर लिया है, अब उन्हें इस मुख्यमंत्री पद पर नहीं बने रहना चाहिए।

 

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