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अन्तर्राष्ट्रीय

इथोपिया विमान हादसाः छोटी सी गलती की वजह से बच गई शख्स की जान, वरना आज नहीं होता दुनिया में!

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नई दिल्ली। कभी-कभी ज़िन्दगी हमें ऐसे मोड़ पर लाकर खड़ा कर देती हैं कि हमें किस्मत जैसी चीज़ों पर यकीन करना पड़ जाता है। हाल ही में कुछ ऐसा हुआ है जिसे सुनकर आप भी इन सब बातों पर भरोसा करने लगेंगे।

दरअसल, इथोपिया की राजधानी अदीस अबाबा से नैरोबी के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद इथोपियन एयरलाइंस का एक विमान रविवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

 

30 से ज्यादा देशों के यात्री इस विमान में सवार थे जिसमें से कई संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के कार्यकर्ता भी थे। रविवार को हुए इस हादसे में विमान में सवार सभी 157 लोगों की मौत हो गई है।

लेकिन उस प्लेन का 150वां यात्री एक भाग्यशाली यूनानी था, जो दो मिनट देर से पहुंचने के चलते विमान में सवार नहीं हो पाया और उसकी जान बच गयी। एंटोनिस मावरोपोलोस ने फेसबुक पर ‘मेरा भाग्यशाली दिन’ शीर्षक से एक पोस्ट लिखा और कहा, ‘‘मैं परेशान हो गया था क्योंकि किसी ने भी समय पर गेट तक पहुंचने में मेरी मदद नहीं की।’’

पोस्ट में उन्होंने अपने टिकट की तस्वीर भी साझा की है। मावरोपोलोस ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘वे मुझे हवाई अड्डे के पुलिस स्टेशन तक ले गए। अधिकारी ने मुझे विरोध करने के लिए नहीं बल्कि भगवान का शुक्रिया अदा करने के लिए कहा क्योंकि मैं ही एकमात्र यात्री था जो ईटी 302 की उड़ान में नहीं चढ़ पाया था, जो विमान कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।  उन्होंने पोस्ट में स्वीकार किया कि वह यह खबर सुनकर दंग रह गए थे।

एथेंस समाचार एजेंसी के अनुसार,गैर-लाभकारी संगठन इंटरनेशनल सॉलिड वेस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मावरोपोलोस संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की वार्षिक सभा में भाग लेने के लिए नैरोबी जाने वाले थे।

लेकिन वह एंट्री गेट बंद होने के महज दो मिनट बाद वहां पहुंचे और विमान में सवार नहीं हो पाए। उन्होंने बाद की एक उड़ान की भी टिकट बुक कर ली लेकिन फिर हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने उन्हें उड़ान भरने से रोक दिया।

रिपोर्ट-मानसी शुक्ला

 

अन्तर्राष्ट्रीय

सरबजीत सिंह के हत्यारे की लाहौर में हत्या, अज्ञात हमलावरों ने घर में घुसकर मारी गोली

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नई दिल्ली। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले शख्स अमीर सरफराज तांबा अज्ञात बंदूकधारियों ने घर में घुसकर गोली मारकर हत्या कर दी है। जानकारी के मुताबिक, अमीर सरफराज तांबा लाहौर के इस्लामपुरा इलाके में रहता था, जहां मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उसके घर में घुसकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

सरबजीत सिंह की हत्या करने वाले अमीर सरफराज को लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी माना जाता था। सरफराज को ‘लाहौर के असली डॉन’ के नाम से जाना जाता था। सरफराज पाकिस्तान में कई संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त था और और सरकार और प्रशासन का संरक्षण प्राप्त था। FIR में सरफराज के भाई जुनैद ने पूरे घटनाक्रम का सिलसिलेवार जिक्र किया है।

जुनैद ने बताया कि जिस समय अज्ञात बंदूकधारी घर में घुसे, तब वह अपने भाई सरफराज के साथ घर में मौजूद था। जुनैद ने बताया कि वो ग्राउंड फ्लोर पर था, जबकि अमीर सरफराज ऊपर वाले फ्लोर पर था। दोपहर में करीब 12.40 बजे पर 2 अज्ञात लोग मोटरसाइकिल पर सवार होकर उसके घर पहुंचे। इसमें से एक व्यक्ति ने हेलमेट पहना था और दूसरे व्यक्ति ने मास्क लगाया था। दोनों ने घर में घुसते ही अमीर सरफराज पर 3 गोलियां चलाई और फरार हो गए।

गौरतलब है कि भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह को पाकिस्तान ने जासूसी का आरोप लगाकर गिरफ्तार किया था। सरबजीत 30 अगस्त 1990 को गलती से पाक सीमा में चला गया था। तब पाक पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया था और इस्लामाबाद में हुए बम धमाकों के मामले में गिरफ्तार किया था। पाक पुलिस का दावा था कि भारत के तरनतारन के गांव भिखीविंड निवासी सरबजीत सिंह भारतीय एजेंसियों का जासूस है। कई सालों तक पाक जेल में बंद रखने के बाद पाक खुफिया एजेंसी ISI के इशारों पर अमीर सरफराज ने साल 2013 में जेल में सरबजीत की हत्या कर दी थी।

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