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महागठबंधन बनने से पहले सपा-बसपा ने दिया कांग्रेस को झटका, मच सकता है सियासी हड़कंप!

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नई दिल्ली। तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने के बाद उत्साहित कांग्रेस यह उम्मीद लगा बैठी थी कि उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की सीटों पर उसकी दावेदारी मजबूत होगी लेकिन यूपी में कांग्रेस की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) गठबंधन में कांग्रेस को दरकिनार किया जा सकता है।

सपा-बसपा गठबंधन में सीटों का फॉर्मूला तकरीबन तय हो गया है। माना जा रहा है गठबंधन का औपचारिक एलान मायावती के जन्मदिन पर हो सकता है।

बसपा सूत्रों की मुताबिक यूपी में सपा-बसपा के साथ गठबंधन और सीटों के फॉर्मूला तय हो गया है। इस फॉर्मूले के तहत कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली छोड़ सकते हैं।

इसके अलावा चौधरी अजीत सिंह की पार्टी आरएलडी को  2 से 3 सीटें मिल सकती है। आरएलडी के खाते में बागपत, मुजफ्फरनगर और कैराना संसदीय सीटें दी जाएगी।

सूत्रों की मानें तो दोनों पार्टियों ने सूबे की 80 लोकसभा सीटों में अपने लिए सीटें तय कर ली है। एक फॉर्मूले के मुताबिक बीएसपी 38 और सपा 37 सीटों पर चुनावी लड़ेगी।

जबकि दूसरे फॉर्मूले के तहत बसपा 39 और सपा को 37 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेंगी। ऐसी स्थिति में आरएलडी को 2 सीटें मिल सकती है। कहा जा रहा है कि इस फॉर्मूले पर दोनों ही दलों के शीर्ष नेताओं के बीच सहमति भी बन चुकी है।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में यह संभावना बन रही थी कि सपा, बसपा और कांग्रेस एक साथ आएंगे लेकिन सीट बंटवारे को लेकर यह महागठबंधन न हो सका। इन्हीं मतभेदों के चलते यूपी में ये दो बड़ी क्षेत्रीय पार्टी कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के मूड में नजर नहीं आ रही है।

हालांकि भविष्य को ध्यान में रखते हुए सपा-बसपा कांग्रेस के गढ़ अमेठी और रायबरेली में गठबंधन प्रत्याशी नहीं उतारने पर विचार कर रही है। सूत्रों का कहना है कि इसी दिन सूबे में गठबंधन का ऐलान होगा।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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