अन्तर्राष्ट्रीय
‘यमन संघर्ष में सप्ताहभर के भीतर 62 बच्चों की मौत’
संयुक्त राष्ट्र| यमन में जारी राजनीतिक अस्थिरता और हौती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई के बीच पिछले एक सप्ताह के दौरान हुए संघर्षो में 62 बच्चों की मौत हो गई, जबकि 30 अन्य घायल हो गए। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी। यमन के लिए यूनिसेफ के प्रतिनिधि जूलियन हारनीस ने बताया, “संघर्षो में आधारभूत स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा क्षेत्र को काफी नुकसान पहुंचा है, जबकि हिंसा और विस्थापन ने बच्चों को खतरे व समस्या में डाल दिया है।”
यूनिसेफ के मुताबिक, बढ़ती हिंसा और तेजी से बिगड़ती मानवीय स्थितियां बच्चों के लिए और अधिक खतरनाक स्थितियां पैदा कर रही हैं, जो पहले ही देश में खाद्य असुरक्षा, गंभीर कुपोषण के शिकार हैं। विद्रोही संगठनों में बच्चों की भर्ती भी एक यमन में एक बड़ी समस्या है।
हारनीस ने कहा, “बच्चों को सुरक्षा की जरूरत है। सभी संघर्षरत पक्षों को अपनी क्षमता के अनुसार बच्चों को सुरक्षित रखना चाहिए।”
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने मंगलवार को यमन में सैन्य कार्रवाई में शामिल सभी पक्षों से बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आह्वान किया था। उन्होंने इन अभियानों में बड़ी संख्या में नागरिकों के हताहत होने पर भी चिंता जताई थी।
अन्तर्राष्ट्रीय
जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत
नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।
इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।
उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।
डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।
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