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योग एवं आयुर्वेद

सऊदी अरब भी हुआ योग का कायल, यूनिवर्सिटीज में किया लागू

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सऊदी अरब

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रियाद। सऊदी अरब भी योग का कायल हो गया है। इस मुस्लिम देश ने अपनी यूनिवर्सिटीज में योग की शुरुआत की है। इस सिलसिले में सभी यूनिवर्सिटीज के प्रतिनिधियों के लिए एक वर्चुअल लेक्चर का आयोजन किया गया। इसके जरिए लोगों को योग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। साथ ही स्टूडेंट्स के पास भी यूनिवर्सिटी कैंपस में विभिन्न योगासनों को करने का विकल्प मौजूद रहेगा।

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भारत में ट्रेनिंग ले रहे सऊदी के योग रेफरी

लेक्चर के दौरान योग के मेंटल और फिजिकल स्वास्थ्य पर असर के बारे में बताया गया। साथ ही स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कांपटीशन का हिस्सा बनने के लिए प्रोफेशनल योगासन स्पोर्ट्स ट्रेनिंग की योजना पर भी बात की गई।

सऊदी स्पोर्ट्स फेडरेशन और सऊदी योगा कमेटी ने रियाध में यह आयोजन किया था। सऊदी अरब गैजेट के मुताबिक इसमें छात्र-छात्राओं दोनों शामिल होंगे। इस रिपोर्ट के मुताबिक योगा रेफरी के क्वॉलीफिकेशन कोर्स के लिए पहला बैच सऊदी से भारत भी पहुंच चुका है।

पूरे सऊदी समाज में प्रसार की योजना

इस कार्यक्रम के दौरान योग से युवाओं को होने वाले शारीरिक और मानसिक फायदों के बारे में बात की गई। साथ ही टूर्नामेंट्स और कांपटीशंस के लिए योगासन स्पोर्ट्स और प्रोफेशनल योग ट्रेनिंग पर चर्चा की गई। लेक्चर के दौरान युवाओं को प्रोफेशनल योग ट्रेनिंग लेने के लिए मोटिवेट किया गया।

साथ ही यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स और यूनिवर्सिटी लीग के तहत होने वाले प्रोफेशनल योगासन कांपटीशंस के बारे में भी बताया गया। सऊदी योग कमेटी के प्रेसीडेंट नॉफ अलमरवाई ने कहा कि हमारी कोशिश है कि योग पूरे सऊदी समाज में बड़े पैमाने पर प्रसार हो। इसीलिए कमेटी योग प्रेमियों की एक जमात तैयार करने में जुटी हुई है।

योग एवं आयुर्वेद

ये वर्कआउट्स डिप्रेशन से लड़ने में हैं मददगार, मूड को रखते हैं हैप्पी  

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workout for depression

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नई दिल्ली। भागमभाग वाली जीवनशैली, काम का बोझ, खानपान व अन्य तनावों के चलते आजकल लोग डिप्रेशन में आ जाते हैं, जिसके चलते कभी-कभी हादसे भी हो जाते हैं। डिप्रेशन से लड़ने में कई वर्कआउट्स काफी मददगार साबित हो सकते हैं। तो आइए जानते हैं, डिप्रेशन में किस तरह के वर्कआउट्स फायदेमंद हैं-

  1. रनिंग

रनिंग करने से बॉडी में डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे हॉर्मोन्स का सिक्रिशन होता है और कोर्टिसोल का लेवल घटता है जो स्ट्रेस बढ़ाने वाला हॉर्मोन होता है। तनाव की स्थिति में ये हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, तो रनिंग इसे कम करने में प्रभावी है। रनिंग से मसल्स बनने के साथ ही हार्ट व ब्रेन भी हेल्दी रहता है।

  1. वेट लिफ्टिंग

वेट लिफ्टिंग के जरिए भी हल्के-फुल्के तनाव और अवसाद के लक्षणों से निपटा जा सकता है। वेट ट्रेनिंग के दौरान पूरा फोकस हाथों और शरीर पर होता है बाकी दूसरी चीज़ों पर ध्यान ही नहीं जाता। वेट लिफ्टिंग से मसल्स टोन्ड और स्ट्रॉन्ग होती है। ओवरऑल बॉडी फिट नजर आती है।

  1. योगा

बिना दौड़भाग के की जाने वाली बहुत ही बेहतरीन फिजिकल एक्टिविटी है योगा। तरह-तरह के शारीरिक मुद्राएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मेडिटेशन शरीर के साथ आपके दिमाग पर भी काम करती हैं। तनाव दूर करने के लिए मेडिटेशन का सुझाव एक्सपर्ट्स भी देते हैं। योग के महज 1/2 घंटे के अभ्यास से ही आपको अच्छा फील होगा।

  1. धूप का सेवन

धूप का सेवन तनाव, चिंता और अवसाद को दूर रखने में मददगार होता है। धूप से बॉडी में सेरोटोनिन का प्रोडक्शन होता है जो मूड को हैप्पी रखता है।

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डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सूचना मात्र हैं। अपनाने से पहले विशेषज्ञों की सलाह अवश्य लें।

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