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आध्यात्म

चंद्रग्रहण : बच कर रहिए आज, इन राशियों पर पड़ सकता है बुरा प्रभाव

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सदी का सबसे बड़ा चंद्रग्रहण और गुरु पूर्णिमा दोनों ही शुक्रवार 27 जुलाई को पड़ रहे हैं। इस बार दूसरा चंद्रग्रहण लंबे समय तक पड़ेगा और यह चंद्रग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा। ऐसे में चंद्रग्रहण का प्रभाव कुछ राशियों के लिए सार्थक रहेगा, तो कुछ राशियों पर इसका असर उल्टा पड़ सकता है।

आइए जानते हैं कि सदी के सबसे बड़े चंद्र ग्रहण से राशियों पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में-

मेष राशि – मेष राशि के लिए चंद्र ग्रहण शुभ रहेगा। इस राशि के लोगों को चंद्र ग्रहण के प्रभाव से धन लाभ के संकेत दिख रहे हैं।

वृष राशि – वृष राशि के लिए लिए चंद्र ग्रहण के दौरान हनुमान चालीसा का पाठ करना शुभ माना जा रहा है। इस चंद्र ग्रहण के प्रभाव से अापकी नौकरी लगने का ग्रहण खत्म हो सकता है।

मिथुन राशि – मिथुन राशि वालों के लिए यह ग्रहण सेहत के मामले में अच्छा नहीं रहने वाला है। इसलिए इस दिन अपनी सेहत का खास ख्याल रखें।

कर्क राशि – कर्क राशि के लिए चंद्र ग्रहण दुख का समाचार दे सकता है क्योंकि कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा है और चंद्रमा पर ही ग्रहण लग रहा है। हनुमान चालिसा का जाप आप को ग्रहण के प्रभाव से दूर रखेगा।

सिंह राशि – सिंह राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण सामान्य रहने वाला है। कोई अच्छा समाचार सुनने को मिल सकता है, लेकिन परिवार में तनाव बढ़ सकता है। शांति् के लिए शिव चालिसा पढ़िए।

कन्या राशि – कन्या राशि वालों के लिए इस ग्रहण का कोई विशेष लाभ नहीं होगा। शिव व गणेश उपासना करना शुभ रहेगा।

तुला राशि – तुला राशि वाले जातकों के लिए चंद्र ग्रहण व्यापार में लाभदायक रहेगा। प्रॉपर्टी और व्यापार में आपको लाभ हो सकता है।

वृश्चिक राशि – वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है। ग्रहण का असर मिला जुला रहने वाला रहेगा। आगे आने वाले समय में आपको तरक्की के कई अवसर मिलेंगे। दुर्गा चालिसा पढ़ने से लाभ होगा।

धनु राशि – धनु राशि के लिए पैसे से जुड़ी तमाम तरह परेशानियां इस चंद्र ग्रहण के प्रभाव से हो सकती हैं। परिवार में घर के सदस्यों के बीच अनबन हो सकती है। शांति के लिए शिव की उपासना करें।

मकर राशि – मकर राशि वालों के लिए चंद्र ग्रहण का सबसे बुरा असर देखने को मिलेगा। चंद्र ग्रहण मकर राशि में हो रहा है। इससे इस राशि वालों को पैसों का नुकसान और मानसिक तनाव बढ़ सकता है।

कुंभ राशि – कुंभ राशि के जातकों पर चंद्र ग्रहण का नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। मानसिक और शारीरिक समस्या से आप परेशान हो सकते हैं। ग्रहण का असर न हो इसके लिए हनुमान चालिसा या सुंदरकांड का जाप करिए।

मीन राशि – मीन राशि के जातकों पर चंद्र ग्रहण का कोई विशेष असर नहीं रहने वाला है। हालांकि सेहत के मामले में इस राशि के जातकों को कुछ परेशानियों से सामना करना पड़ सकता है। सेहत का ख्याल रखिए।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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