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आध्यात्म

इन राशि वालों की मनोकामना सबसे जल्दी पूरी करते हैं हनुमान, ये है वजह

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पवनपुत्र हनुमान की की कृपा से आपको ढेर सारा धन प्राप्त होने वाला है। अगर आप प्रॉपर्टी दलाली और ब्याज का काम करते हैं, तो आपको इस मामले में जल्दी ढेर सारा पैसा प्राप्त होने वाला है। यहां बात तुला राशि वालों के लिए हो रही है।

घर परिवार के सभी लोगों का सहयोग आपके साथ हमेशा बना रहेगा। सच्चाई के रास्ते पर चलते हुए आप हर किसी का दिल जीत लेंगे, आपका व्यवहार जितना ही अच्छा होगा लोग आपकी उतनी ही इज्जत करेंगे।

जिन लोगों का रोजगार छिन गया था। उन लोगों को जल्द ही अच्छा रोजगार मिल सकता है। जिससे आप अपने घर परिवार की सारी परेशानियों को हल कर पाएंगे। जीवन साथी के साथ आपके संबंध बहुत ही मधुर तथा अच्छे बने रहने वाले हैं।

आपको अपने व्यापार में खूब मुनाफा होगा। घर परिवार के लोगों के बीच आपसी संबंध मजबूत बनेंगे। आने वाले समय में आपको धन कमाने के नए साधन मिल जाएंगे, आर्थिक क्षेत्र में तरक्की हासिल होगी, आप अपनी अधूरी इच्छाओं को आसानी से पूरे कर पाएंगे।

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

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नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

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