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फिल्म ‘पद्मावत’ को सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी, राज्यों की याचिका खारिज

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सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए 25 जनवरी को फिल्म ‘पद्मावत’ की रिलीज पर रोक लगाने के उनके अंतिम प्रयास को खारिज करते हुए सभी राज्यों को फिल्म रिलीज के रास्ते में न आने का आदेश दिया। साथ ही आदेश का पालन हर हाल में करने का निर्देश दिया। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और डी.वाई. चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने कहा, “लोगों को समझना चाहिए कि सर्वोच्च न्यायालय ने एक आदेश पारित किया है और उसका पालन किया जाना चाहिए।”
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मिश्रा ने कहा, “हमारे आदेश का पालन प्रत्येक व्यक्ति द्वारा किया जाना चाहिए। कुछ सौ लोग सड़कों पर उतरकर प्रतिबंध की मांग करते हुए कानून व्यवस्था को खराब करने के हालात पैदा करते हैं। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।” प्रधान न्यायाधीश ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा, “आप सलाह दे सकते हैं कि जिन्हें यह फिल्म देखना पसंद नहीं है, वे इसे न देखें।”
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मेहता जमीनी स्तर पर कानून व्यवस्था बिगड़ने का हवाला देकर फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने की गुहार लगा रहे थे।  राजस्थान और मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए मेहता ने अदालत से आग्रह किया कि वह जमीनी हालात और शांति का उल्लंघन होने के खतरे को समझे। इस पर अदालत ने कहा कि ऐसा कहकर राज्य सरकारें अपनी कमजोरी खुद बता रही हैं। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। कानून व्यवस्था बनाए रखना राज्य का दायित्व है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा, “आप संकट की रचना का आभासी चित्र नहीं बना सकते।”

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मेहता ने कहा कि फिल्म के रिलीज होने के बाद ऐसी स्थिति पैदा हो सकती है, जहां कुछ हिस्सों में संकट खड़ा हो सकता है। इस पर न्यायमूर्ति खानविलकर ने कहा, “राज्यों को यह आदेश मानना चाहिए। बाकी हम देख लेंगे, जब यह हमारे पास आएगा।” अदालत ने अखिल भारतीय करणी महासंघ की याचिका भी खारिज कर दी और कहा, “हम अपने आदेश को बदलने के लिए तैयार नहीं हैं। संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म की रिलीज के लिए रास्ता साफ किया जाए।”

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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