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लाइफ स्टाइल

दिल के रोगों में योग फायदेमंद

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नई दिल्ली। संस्कृत शब्द योग का अर्थ है संगठन या संगम। यह तन और मन को जोडक़र नियमित चुनौतियों को समुचित अनुभव में बदल देता है।

योग में शरीर को खोलने, कोमल गतिविधियां, सांस प्रणालियां और चेतनता का संगम है जो दिल के रोगियों को काफी लाभ पहुंचाता है। लगातार नियमित रूप से योग अभ्यास संपूर्ण सेहत में सुधार लाने में मदद करता है। इसे रोकथाम के लिए या कोई समस्या होने पर दिल की सेहत को बेहतर बनाने के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है।

इंडियन मेडिकल एसोसिशन (आईएमए) के नेशनल प्रेसीडेंट पद्मश्री के.के. अग्रवाल कहते हैं, “योग के दौरान विभिन्न आसन करने से मांसपेशियों की कसरत होती है। मांसपेशियों को मेहतन करवाने वाली हर क्रिया दिल और धमनियों के लिए बेहतर होती है। कसरत से मांसपेशियां इनसुलिन के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती है, जो ब्लड शूगर को नियंत्रित करने में मदद करती है। गहरी सांस की क्रियाएं सांस की गति को धीमा करने में मदद करती हैं।”

वह कहते हैं कि अगर उचित कसरत के साथ योग को अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (एएचए) के सुझावों के अनुसार अपनाया जाए तो यह दिल के रोगों के लिए विश्व स्तर पर लाभकारी हो सकता है।

एएचए के सुझाव : सप्ताह में 5 दिन 30 मिनट तक मध्यम दर्जे की एरोबिक्स करें यानी कुल 150 मिनट या 25 मिनट तक तीव्र एरोबिक्स क्रियाएं सप्ताह में तीन दिन करें यानी सप्ताह में 75 मिनट या फिर मध्यम और तीव्र एरोबिक्स की मिलीजुली कसरत करें।

डॉ. अग्रवाल बताते हैं कि कम लेकिन गहरी सांसें लेने से हर मिनट में अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर कम हो जाता है। यह नर्वस सिस्टम को आराम देता है, जो तनाव के हार्मोन्स पैदा करने के लिए जिम्मेदार होता है। आसन और गहरी सांस क्रियाएं ऐसे शरीरिक ध्यान का लाभ देती हैं जो दिमाग को केंद्रित और स्पष्ट करने में मदद करता है। ध्यान और चेतनता वाले योग दिल के रोगियों को लाभ पहुंचाते हैं। कार्डियक योग असल में धमनियों का हल्का योग अभ्यास है, जिसे दिल के रोगियों के लिए विशेष तौर पर तैयार किया गया है।

योग के लाभ :

* ब्लड प्रेशर कम करना

* हार्ट फेल्योर के लक्ष्णों को दूर करना

* धकधकी में राहत देना

* दिल के रोगों से हुई क्षति को सुधारना

* कोलेस्ट्रोल, ब्लड शूगर और तनाव के हार्मोन्स जैसे दिल के रोगों के विभिन्न खतरों को कम करना

* बेहतर संतुलन बनाने, गिरने से बचाने, अर्थरायटस में आराम देने और करोनिक ऑब्स्ट्रक्टिव प्लमनरी रोग से पीड़ित लोगों के सांस लेने में सुधार।

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तेजी से बढ़ रही है दिल की बीमारियों के चलते मौत, करें ये उपाय

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Death due to heart diseases increasing

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नई दिल्ली। भारत में दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हाई कॉलेस्ट्रॉल, धूम्रपान एवं आनुवंशिक कारणों से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ रही है। दक्षिण-पूर्वी एशियाई आबादी में आनुवंशिक रूप से दिल की बीमारियों की संभावना अधिक होती है। दिल को सुरक्षित रखने के लिए कुछ उपाय हैं, जिसे अपनाकर आप दिल की बीमारियों से दूर रह सकते हैं।

सेहतमंद आहार लें

संतुलित और सेहतमंद आहार का सेवन करने से शरीर को सही पोषण मिलता है। जंक फूड में फैट, नमक और चीनी बहुत अधिक मात्रा में होती है, जो समय के साथ हमारे दिल को बीमार बना देती है। अक्सर लोग बिना सोचे समझे प्रोसेस्ड फूड का सेवन करते हैं क्योंकि उन्हें यह बहुत आसान लगता है, लेकिन इस तरह का भोजन हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। हमारे आहार में पर्याप्त मात्रा में कैलोरीज, प्रोटीन, विटामिन, मिनरल और लो सैचुरेटेड फैट होने चाहिए।

गतिहीन जीवनशैली से बचें

बहुत से लोग नियमित रूप से व्यायाम नहीं करते। आज हममें से लाखों लोग ऐसी नौकरियां करते हैं, जिसके लिए उन्हें घंटों एक ही जगह पर बैठे रहना पड़ता है। व्यायाम की कमी व्यक्ति के लिए बेहद हानिकारक हो सकती है। यह मोटापे को जन्म देती है, जिसके कारण व्यक्ति धीरे धीरे डायबिटीज, हाइपरटेंशन और दिल की बीमारियों का शिकार बन जाता है।

शारीरिक रूप से सक्रिय

व्यायाम दिल को तंदुरुस्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कार्डियो व्यायाम से दिल की पम्प करने की क्षमता बढ़ती है और दिल की मांसपेशियां तंदुरुस्त बन जाती हैं। नियमित व्यायाम करने से रक्तचाप नियन्त्रण में रहता है, शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल कम होते हैं और ब्लड शुगर भी नियन्त्रित रहती है।

तनाव से बचें

तनाव आज हम सभी के जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, खासतौर पर ज्यादातर शहरी लोग अपने काम को लेकर तनाव में रहते हैं। जब आपका शरीर तनाव में रहता है, तो इसका असर शरीर के हर अंग पर पड़ता है। तनाव के समय शरीर में एड्रिनलिन हॉर्मोन ज्यादा मात्रा में बनने लगता है, अगर ऐसा नियमित रूप से होने लगे तो दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

अच्छी और गहरी नींद

समय की कमी के कारण बहुत से लोग अपनी नींद को कम कर काम करने लगते हैं। वे अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नींद से समझौता करते हैं जो सेहत के लिए खास तौर पर दिल के लिए खतरनाक है। 7-8 घंटे से कम नींद लेने से दिल की बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है।

धूम्रपान और शराब के सेवन से बचें

धूम्रपान और शराब का सेवन किसी भी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। आजकल विकासशील देशों में धूम्रपान का चलन तेजी से बढ़ रहा है। जो दिल के लिए नुकसानदायक है। यहां तक कि अगर आपके आस-पास कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह भी आपकी सेहत के लिए अच्छा नहीं। धूम्रपान छोड़ने के लिए परिवार और दोस्तों के सहयोग की जरूरत होती है। इसकी आदत छोड़ने के लिए निकोटीन पैच या ई-सिगरेट का इस्तेमाल किया जा सकता है।

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच

नियमित रूप से स्वास्थ्य की जांच कराकर आप दिल की बीमारियों के खतरे से बच सकते हैं। क्योंकि ऐसा करने से अगर आपको कोई समस्या है तो समय पर उसका निदान हो जाएगा और समय रहते इलाज शुरू कर बीमारी को गंभीर होने से रोका जा सकेगा। इसलिए नियमित रूप से अपनी जांच करवाते रहें और अपने स्वास्थ्य को मॉनिटर करते रहें।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी एक सूचना मात्र है. अपनाने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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