Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

सिर्फ मानवदेह मिल जाने से कुछ नहीं होगा

Published

on

Loading

kripalu ji maharaj

मुण्‍डकोपनिषद् कहता है कि फिर यहां आकर, देवयोनि गई, तो मानवयोनि भी नहीं मिलेगी, हीन योनियों में हम डाल दिये जायेंगे। शंकराचार्य ने भी माना-

दुर्लभं त्रयमेवैतत् दैवानुग्रहकारकम् ।

(विवेकचूड़ामणि)

भगवान् की कृपा। ऐंऽ कृपा मानने लगे? ये तो ब्रह्म को अकर्ता मानते थे जो अरे वो दोनों मानते हैं, बेवकूफों को और बेवकूफ बनाने के लिये, उन्‍होंने वो सब भाष्‍य लिखा है। वो कहते हैं। ‘दैवानुग्रहकारकम् ।‘ भगवान् की कृपा से तीन चीजें मिलती हैं-

मनुष्‍यत्‍वं मुमुक्षुत्‍वं महापुरुषसम्‍भवः ।

(विवेकचूड़ामणि, शंकराचार्य)

मानवदेह, अरे देवता लोग जब चाहते हैं। तो ऐसे दुर्लभ शरीर को भगवत्‍कृपा के द्वारा ही प्राप्‍त समझना चाहिये। नम्‍बर दो- खाली मानवदेह मिल जाय तो काम नहीं बनेगा। क्‍यों? इसलिये कि ये, ‘मैं’ कौन?, ‘मेरा’ कौन?, ये दो प्रश्‍न ऐसे हैं कि मानवदेह अनन्‍त बार मिल चुका और फिर भी ये प्रश्‍न हल नहीं हुये। तो खाली मानवदेह मिल जाने से क्‍या होगा? हम भौतिकवाद की ओर भागेंगे, बड़े-बड़े भौतिक ऐश्‍वर्य पायेंगे और उसी चौरासी लाख का चक्‍कर लगायेंगे। न दुःख निवृत्ति होगी, न आनन्‍द प्राप्‍त होगी। इसलिये नम्‍बर दो- इस संसार से वैराग्‍य हो। यहाँ सुख नहीं है, ये डिसीजन हो, पक्‍का विश्‍वास हो, ये मुमुक्षुत्‍व है। और ये भी हो जाय तो करें क्‍या? कि यहाँ सुख नहीं है, हो गया ज्ञान। कहाँ है? ये तो बताओ। कौन बतावे? पड़ोसी? वो कहेगा अरे क्‍या चक्‍कर में पड़े हो, वो तो इधर ही है। जरा और आगे जाओ।

हिरन होता है हिरन, तो रेगिस्‍तान में जब बालू के कण उड़ते हैं, हवा से तो सूर्य की किरण में वो दूर से लगता है पानी है। तो वो हिरन भागता है कि वहाँ पानी पीने को मिल जायगा। वो पानी नहीं है, वो तो धूलि के कण हैं। फिर वहाँ से देखता है, अरे इधर है। उसी में दौड़-दौड़ कर मर जाता है। ऐसे ही हम लोग कर रहे हैं अनादिकाल से कि एक लाख मिल जाय, एक करोड़ मिल जाय, एक अरब मिल जाय, ये भी मिल जाय, वो भी मिल जाय। सब मिलता भी गया किसी-किसी को। मामूली मामूली लेबरों के बच्‍चे, उसी जन्‍म में अरबपति हो जाते हैं, प्राइम मिनिस्‍टर हो जाते हैं। हाँ कहाँ थे हम, हमारे पिताजी क्‍या करते थे? और हम आज कहाँ पहुँच गये? लेकिन वो नहीं मिला, वो ‘मैं’ कौन? ‘मेरा’ कौन?

आध्यात्म

नौकरी में चाहिए प्रमोशन तो अपनाएं ज्योतिष के ये उपाय

Published

on

Loading

नई दिल्ली। अगर आप पिछले काफी समय नौकरी कर रहे हैं और आपका प्रमोशन नहीं हो रहा है। या फिर आपकी बॉस से नहीं बन रही है तो ये कुछ सरल उपाय करके आप सफलता पा सकते हैं।

. शनिवार की सुबह जल्दी उठें और नित्य कर्मों से निवृत्त होकर घर में किसी पवित्र स्थान पर पूजन का विशेष प्रबंध करें या किसी मंदिर में जाएं। शनिवार शनि की पूजा का विशेष दिन माना जाता है। शनि हमारे कर्मों का फल देने वाले देवता हैं। अत: इसी दिन शनि देव का विधिवत पूजन करनी चाहिए।

. तरक्की के लिए सूर्य देवता को मनाना काफी शुभ बताया जाता है। जो लोग आसानी से तरक्की करते हैं उनका सूर्य काफी मजबूत होता है। प्रतिदिन सुबह सूर्य को पानी अर्पित करें और सूर्य नमस्कार करें। सूर्य देवता को जल अर्पित करने वाला बर्तन तांबे का हो और उसमें थोड़ा गंगाजल डालें। जल अर्पित करने के बाद सूर्य देवता से अपनी इच्छा रोज जाहिर किया करें।

. यदि नौकरी-पेशा करने वाले जातकों को प्रमोशन नहीं मिल रहा है अथवा उनकी तनख्वाह में वृद्धि नहीं हो रही है तो उन्हें मंगलवार के दिन हनुमान जी की आराधना करना चाहिए।

. प्रतिदिन पक्षियों को मिश्रित अनाज खिलाना चाहिए। सात प्रकार के अनाजों को एकसाथ मिलाकर पक्षियों को खिलाएं। इसमें गेहूं, ज्वार, मक्का, बाजरा, चावल, दालें शामिल की जा सकती हैं। प्रतिदिन सुबह यह उपाय करें, जल्दी ही नौकरी से जुड़ी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी।

. रात को सोते समय एक तांबे के बर्तन में पान भरकर अपने बिस्तर के नीचे रखें और सुबह उठते ही, बिना किसी को बोले, यह जल घर के बाहर फेंक दें।

. भगवान विष्णु की आराधना करने से भक्तों की मन की मुराद पूरी होती है इसलिए नौकरी में प्रमोशन पाने के इच्छुक जातकों को भगवान विष्णु जी की आराधना करनी चाहिए।

Continue Reading

Trending