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हाई कोर्ट ने राज्यसभा टीवी में नियुक्तियों पर जवाब मांगा

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नई दिल्ली | दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को राज्यसभा सचिव और केंद्र सरकार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) पर जवाब देने को कहा, जिसमें राज्यसभा सचिवालय में वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया है।

जनहित याचिका में संयुक्त सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों और उससे ऊपर के अधिकारियों की नियुक्ति के साथ ही उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के विशेष कार्य अधिकारी और राज्यसभा टीवी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और मौजूदा महासचिव गुरदीप सिंह सप्पल की की नियुक्ति में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाया गया है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी एवं न्यायमूर्ति आर.एस.एंडलॉ की खंडपीठ ने राज्यसभा सचिव और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग को इस मामले में आठ जुलाई तक एक लघु हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

जनहित याचिका अधिवक्ता प्रशांत भूषण के जरिए गैर सरकारी संस्था(एनजीओ) ‘सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन’ ने दायर की थी। इस याचिका ने राज्यसभा सचिवालय (नियुक्ति के तरीके एवं योग्यता) आदेश, 2009 के खंड छह (ए) की वैधता को चुनौती दी गई है और राज्यसभा सचिवालय में 2008 के बाद हुई सभी नियुक्तियों की जांच के आदेश देने की मांग की गई है। एनजीओ ने पूर्व में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के समक्ष याचिका दाखिल करने के लिए कहा था।

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दिल्ली के स्कूलों की जांच में कुछ नहीं मिला, पुलिस बोली- ई-मेल्स और कॉल्स फर्जी

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नई दिल्ली। दिल्ली के स्कूलों में बम होने के धमकी भरे ईमेल के बाद जांच की गई तो वहां कुछ नहीं मिला। पुलिस अधिकारियों ने भी इसे होक्स ईमेल बताया है, लेकिन उन्होंने कहा कि चेकिंग जारी रहेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह फर्जी कॉल है। दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां प्रोटोकॉल के मुताबिक जरूरी कदम उठा रही हैं।

वहीं दिल्ली पुलिस ने कहा कि दिल्ली के कुछ स्कूलों को बम की धमकी वाले ई-मेल मिले। दिल्ली पुलिस ने प्रोटोकॉल के तहत ऐसे सभी स्कूलों की गहन जांच की। कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिल। ऐसा प्रतीत होता है कि ये कॉल्स फर्जी हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे घबराएं नहीं और शांति बनाए रखें।

स्कूल में आए इस धमकी भरे ईमेल के बाद कई स्कूलों ने बच्चों की जल्द छुट्टी का मैसेज पेरेंट्स को भेज दिया, तो कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों को स्कूल जाकर पहले ही ले आए। इसके अलावा कई स्कूल के प्रिंसिपल ने पेरेंट्स को मैसेज भेज कर कहा कि घबराने की बात नहीं है।

नोएडा में इंद्रप्रस्थ ग्लोबल स्कूल (आईपीजीएस) की प्रिंसिपल निकिता तोमर मान ने बताया, “मैं लोगों से आग्रह करूंगी कि वे अनावश्यक घबराहट पैदा न करें और इस स्थिति को एक परिपक्व वयस्क के रूप में लें। दिल्ली-एनसीआर के जिन स्कूलों को धमकियां मिलीं, उन्हें खाली करा लिया गया है और हमारे सहित बाकी स्कूल सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। कोई धमकी भरा संदेश प्राप्त नहीं हुआ है।”

 

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