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नेशनल

सुप्रीमा कोर्ट ने आगरा वन विभाग को फटकार लगाई

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नई दिल्ली/आगरा | सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आगरा के जिला वन विभाग को गलत हलफनामा दाखिल करने पर कड़ी फटकार लगाई है। इस हलफनामे में पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील ताज समलंब क्षेत्र में लगाए गए पेड़ों की संख्या के बारे में झूठी जानकारी दी गई थी। दो सदस्यीय समिति ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अपनी रपट पेश की, इसमें बताया गया है कि राज्य सरकार ने दावा किया था कि उसने ताज समलंब क्षेत्र में 15,000 पेड़ लगाए हैं, लेकिन इनके सत्यापन में राज्य सरकार की सूचना गलत पाई गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को विभिन्न प्रकार की विकास परियोजनाओं के कारण हरित क्षेत्र को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 2.58 लाख पेड़ लगाने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति टी.एस. ठाकुर और न्यायमूर्ति सी. नागप्पन की खंडपीठ ने कहा, “हमें कुछ संदेह था, और वह सही साबित हुआ है। धन हड़पा जा रहा था और किसी भी प्रकार का पौधरोपण नहीं हो रहा है। यह भ्रष्टाचार के लिए उपजाऊ जमीन बन गई है। आप वनरोपण पर मेरे फैसले का पालन नहीं कर रहे हैं।” पीठ सरकार के उस लापरवाह रवैये से स्पष्ट रूप से नाखुश थी, जिसमें गलत जानकारी वाले दस्तावेज कोर्ट को सौंपे गए थे। कोर्ट ने पौधरोपण के लिए निर्धारित लक्ष्य और वास्तविक संख्या में काफी अंतर पाया है।

ताज समलंब क्षेत्र 10,040 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह क्षेत्र पर्यावरण के लिहाज से संवेदनशील है। इसमें 40 पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक शामिल हैं, जिनमें विश्व धरोहर ताजमहल भी आता है। आगरा जिले के वन विभाग अधिकारी ललित वर्मा को राज्य सरकार ने कुछ माह पहले निलंबित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में गलत हलफनामा ललित वर्मा ने ही दाखिल किया था। यमुना एक्सप्रेस-वे के लिए हजारों पेड़ काट दिए गए। हाल ही में आगरा-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग के चौड़ीकरण के लिए हजारों पेड़ फिर से काट दिए गए हैं। पर्यावरण कार्यकर्ता श्रवण कुमार सिंह ने कहा, “काम जारी है, लेकिन हमें कभी भी यह जानकारी नहीं दी गई कि क्षतिपूरक वृक्षारोपण का काम कहां किया गया है?”

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भाजपा का परिवार आरक्षण ख़त्म करना चाहता है: अखिलेश यादव

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एटा। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एटा में सपा प्रत्याशी देवेश शाक्य के समर्थन में संविधान बचाओ रैली को संबोधित किया। इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि संविधान बचेगा तो लोकतंत्र बचेगा और लोकतंत्र बचेगा तो वोट देने का अधिकार बचेगा। अखिलेश यादव ने दावा किया कि ये अग्निवीर व्यवस्था जो लेकर आए हैं इंडिया गठबंधन की सरकार बनेगी तो अग्निवीर व्यवस्था समाप्त कर पहले वाली व्यवस्था लागू करेंगे।

उन्होंने आरक्षण मामले पर आरएसएस पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के साथ एक सबसे खतरनाक परिवार है, जो आरक्षण खत्म करना चाहता है। अब उन्हें वोट चाहिए तो वह कह रहे हैं कि आरक्षण खत्म नहीं होगा।

उन्होंने आगे कहा कि मैं पूछना चाहता हूं अगर सरकार की बड़ी कंपनियां बिक जाएंगी तो क्या उनमें आरक्षण होगा? उनके पास जवाब नहीं है कि नौकरी क्यों नहीं दे रहे हैं? लोकसभा चुनाव संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को हटाना चाहते हैं। दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन और समाजवादी लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। यह चुनाव आने वाली पीढ़ी के भविष्य का फैसला करेगा। वो लोग संविधान के भक्षक हैं और हम लोग रक्षक हैं।

अखिलेश यादव ने कहा कि एटा के लोगों को भाजपा ने बहुत धोखा दिया है। इनका हर वादा झूठा निकला। दस साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। उनकी आय दोगुनी नहीं हुई। नौजवानों का भविष्य खत्म कर दिया गया है। हर परीक्षा का पेपर लीक हो रहा है।

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