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राज्यसभा में फिर उठा अलगाववादियों की रिहाई का मुद्दा

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नई दिल्ली | जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादियों की रिहाई का मुद्दा मंगलवार को एक बार फिर राज्यसभा में जोरशोर से उठाया गया। सदस्यों ने मीडिया रपटों के हवाले से कहा कि अभी 800 और अलगाववादियों की रिहाई होनी है। समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता नरेश अग्रवाल ने राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, “ऐसी खबरें हैं कि 800 और अलगाववादियों को रिहा किया जा रहा है। अलगाववादियों की रिहाई के मामले में सरकार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का समर्थन हासिल है। क्या वे फिर से कश्मीर में शांति भंग करना चाहते हैं।”

उपसभापति पी.जे. कुरियन ने कहा कि इस मुद्दे पर पहले ही चर्चा हो चुकी है और अगर सदस्य चाहते तो वे एक और बहस के लिए नोटिस दे सकते हैं। विपक्षी सदस्य अलगाववादियों की रिहाई के मुद्दे को सदन में उठाते रहे और सदन में हंगामा करते रहे। कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने मीडिया रपट के हवाले से कहा कि अलगाववादियों की रिहाई के आदेशों पर जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल के हस्ताक्षर हैं। शुक्ला ने सवाल उठाया, “मीडिया में ऐसी खबरें हैं कि रिहाई के आदेश राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्यपाल ने दिए थे। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या सदन को गुमराह किया गया है? क्या रिहाई का आदेश राज्यपाल ने दिया?”

विपक्षी सदस्यों के सवालों के जवाब में सदन के नेता अरुण जेटली ने कहा कि अगर सदस्य कोई विशेष जानकारी मांगते हैं, तो सरकार उपलब्ध करा सकती है। जेटली ने कहा, “कल (सोमवार) एक अलगाववादी को लेकर सदन में मामला उठाया गया था। गृहमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उन्हें मीडिया की रपट पर कुछ संदेह है और सरकार ने स्पष्टीकरण मांगा है।” उल्लेखनीय है कि जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई का मुद्दा सोमवार को संसद के दोनों में उठाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में एक बयान देते हुए कहा था कि इस रिहाई के बारे में केंद्र सरकार से विचार-विमर्श नहीं किया गया था।

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पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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