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साहित्य अकादमी अनुवाद पुरस्कार के लिए 23 पुस्तकें चयनित

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नई दिल्ली | साहित्य अकादमी ने प्रतिष्ठित अनुवाद पुरस्कार 2014 के लिए विभिन्न भाषाओं की 23 किताबों का चयन किया है। पुरस्कार विजेताओं की घोषणा नौ मार्च को साहित्य अकादमी के अध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में की गई।

चयनित किताबों के लेखकों को मूल भाषा से संबंद्धित भाषा में किताब के अनुवाद के लिए पुरस्कृत किया जा रहा है। पुरस्कार विजेताओं में फूलचंद मानव पंजाबी उपन्यास ‘अन्नदाता’ के इसी शीर्षक से हिंदी अनुवाद के लिए, पद्मिनी राजप्पा संस्कृत उपन्यास ‘कादम्बरी’ के इसी शीर्षक से अंग्रेजी अनुवाद के लिए, बिपुल देउरी अंग्रेजी उपन्यास ‘द इम्मोर्टल्स ऑफ मेलुहा’ के इसी शीर्षक से असमिया अनुवाद के लिए, डी. एम. प्रधान हिंदी उपन्यास ‘मुझे चांद चाहिए’ के नेपाली अनुवाद ‘मलाई जून चाहिन्छ’ के लिए चयनित लेखकों में शामिल हैं।

इनके अलावा मीम जफर संस्कृत निबंध ‘शिव सूत्र’ के इसी शीर्षक से कश्मीरी अनुवाद के लिए, स्व. नागीन जी. शाह संस्कृत निबंध ‘तर्करहस्यदीपिका’ के इसी शीर्षक से गुजराती अनुवाद के लिए, रामनारायण सिंह को मलयालम उपन्यास ‘चेम्मीन’ के मैथिली अनुवाद ‘मलाहिन’ के लिए, तरसेम बाड्ला उपन्यास ‘मनेर मानुष’ के पंजाबी अनुवाद ‘मन दा सुख’ के लिए, कैलाश मंडेला तमिल कविता ‘तिरुक्कु रल’ के राजस्थानी अनुवाद ‘कुरल-काव्य’ के लिए, वेद राही डोगरी उपन्यास ‘लाल देद’ के इसी शीर्षक से उर्दू अनुवाद के लिए चुने गए हैं। अकादमी की ओर से जारी एक बयान के अनुसार, “किताबों को संबंद्धित भाषा के लिए तीन सदस्यीय चयन समिति की सिफारिश के आधार पर चुना गया है।” पुरस्कार विजेताओं को सम्मान स्वरूप 50,000 रुपये की धनराशि और एक ताम्र पट्टिका साल के अंत में आयोजित होने वाले एक विशेष समारोह में प्रदान की जाएगी।

नेशनल

अफ्रीकन दिखते हैं दक्षिण भारत के लोग… सैम पित्रोदा के बयान पर मचा बवाल, बीजेपी ने बोला हमला

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नई दिल्ली। इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय लोगों को लेकर ऐसा बयान दे दिया है जिसपर बवाल मच गया है। सैम पित्रोदा ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहने वाले लोग चीन जैसे दिखते हैं और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकन जैसे। दरअसल, सैम पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया है.जिसमें वह कह रहे हैं कि भारत जैसे विविधता वाले देश में सभी एक साथ रहते हैं. वीडियो में उन्हें कहते देखा जा सकता है। वह कहते हैं कि यहां पूर्वी भारत के लोग चीन के लोगों जैसे, पश्चिम भारत में रहने वाले अरब जैसे और दक्षिण में रहने वाले अफ्रीकी लोगों जैसे दिखते हैं। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके फिर भी हम सभी मिल-जुलकर रहते हैं।

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के इस बयान पर बीजेपी की ओर से असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट से उनके वीडियो को रीट्वीट करते हुए लिखा, “सैम भाई, मैं नॉर्थ ईस्ट से हूं और भारतीय जैसा दिखता हूं। हम एक विविधतापूर्ण देश हैं-हम अलग दिख सकते हैं लेकिन हम सभी एक हैं। हमारे देश के बारे में थोड़ा तो समझ लो!”

सैम पित्रोदा के कुछ ही दिन पहले दिए गए विरासत टैक्स वाले बयान पर चुनाव के बीच बवाल मचा था वहीं अब एक बार फिर उनके बयान पर विवाद खड़ा हो गया है। पिछले दिनों सैम पित्रोदा ने भारत में विरासत कर कानून की वकालत की था। धन के पुनर्वितरण की दिशा में नीति की आवश्यकता पर जोर देते हुए, पित्रोदा ने अमेरिका का हवाला दिया था। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था और इसे उनका निजी बयान बताया था।

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