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अन्तर्राष्ट्रीय

शरीफ के खिलाफ अवमानना याचिका

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इस्लामाबाद| संयुक्त राष्ट्र के 70वें आम सभा सत्र में अंग्रेजी में भाषण देने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दर्ज कराई गई है। मीडिया में रविवार को जारी एक रपट में यह जानकारी दी गई। याचिका दर्ज कराते हुए याचिकाकर्ता जाहिद घानी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने सर्वोच्च न्यायालय के आठ सितम्बर के उस आदेश का उल्लंघन किया है, जिसमें प्रांतीय और संघीय सरकारों को बिना देर किए आधिकारिक और अन्य कार्यो के लिए उर्दू का इस्तेमाल करने को कहा गया था।

याचिकाकर्ता के मुताबिक, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग सहित अन्य देशों के प्रमुखों ने संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन को अपनी राष्ट्रीय भाषाओं में ही सम्बोधित किया। याचिका में कहा गया कि शरीफ ने अपराध किया है, इसलिए उन्हें सजा मिलनी चाहिए। अपनी याचिका में घानी ने कहा कि प्रधानमंत्री शरीफ आठ सितम्बर के फैसले के बारे में जानते थे, इसलिए शीर्ष अदालत को उन्हें नेशनल एसेम्बली की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर देना चाहिए।

 

अन्तर्राष्ट्रीय

जेपी मॉर्गन के CEO बोले- अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेता की जरुरत

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नई दिल्ली। अमेरिकी बैंकिंग फर्म जेपी मॉर्गन चेज के सीईओ जेमी डिमन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है। उन्होंने तो यहाँ तक कह दिया कि अमेरिका को भी पीएम मोदी जैसे मजबूत नेताओं की आवश्यकता है। जेमी डिमन ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में जबदरस्त और अविश्वसनीय काम किया है। अमेरिका में भी भारत नरेंद्र मोदी की तरह का प्रधानमंत्री होना चाहिए।

इकोनॉमिक क्लब ऑफ न्यूयॉर्क की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेमी डिमन ने कहा कि मैं अमेरिका के लिबरल प्रेस को जानता हूं, जो लगातार नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हैं। उन्होंने 40 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है.। इस दौरान डिमन ने भारत में गरीबी उन्मूलन, बुनियादी ढ़ांचे आर्थिक विकास समेत कई अन्य विषयों पर खुलकर बात रखीं।

उन्होंने कहा, “अमेरिका के कई अधिकारी भारत को लेकर कई बातें कहते हैं, लेकिन अपना देश कैसे चलाना है इस बारे में सोचने की जरूरत है। भारत में नरेंद्र मोदी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ देशों की सरकारें जलवायु परिवर्तन और श्रम अधिकारों को लेकर भारत की आलोचना करती हैं, जबकि उनके पास शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं है। फिर भी वो डटकर चुनौतियों का समाना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत ने एक नई चलन शुरू की है, जिसमें लोगों को फिंगर प्रिंट और आंख से पहचान की जाती है। यह भी भारत के लिए एक उल्लेखनीय है।

डिमन ने आगे कहा कि भारत मूलभूत सुविधाओं पर काम करते हुए आगे की दिशा में काम कर रहा है। विकासशील देश से विकसित देश की ओर बढ़ने के लिए वहां की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

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