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अन्तर्राष्ट्रीय

विमान की तलाश में पोत ने बदली अपनी दिशा

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सिंगापुर| एयरएशिया के लापता विमान के मलबे की तलाश के लिए सिंगापुर के तीन पोत नए स्थान पर खोज के लिए रवाना हो गए हैं और उनके स्थानीय समयानुसार बुधवार सुबह तक वहां पहुंच जाने की उम्मीद है। एयरएशिया के लापता विमान क्यूजेड8501 का मलबा मंगलवार को इंडोनेशिया के सेंट्रल कालीमंतन प्रांत के पांगकलन बुन से 160 किलोमीटर दक्षिण में होने की बात सामने आई थी।

आरएसएस सुप्रीम, आरएसएस वेलर और आरएसएस पर्सिस्टेंस ने नए स्थान पर जाएंगे, जो कि बेलतुंग द्वीप के नजदीक है। यह तीनों पोत खोजी अभियान में मदद करेंगे।

अन्य पोत एमवी स्वीफ्ट रेस्क्यु मंगलवार रात रवाना हुआ। पनडुब्बी और पोतों को सेंसर से लैस किया गया है ताकि वे विमान के ब्लैक बॉक्स से सिगनल पा सकें।

सिंगापुर अब तक दो सी-130 विमान और चार पोत भेज चुका है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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