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अन्तर्राष्ट्रीय

फिलिपींस में तूफान से मरने वालों की संख्या 35

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मनीला| फिलिपींस के मध्य और दक्षिणी हिस्सों में दो दिन पहले दस्तक देने वाला उष्णकटिबंधीय तूफान ‘जंगमी’ अब तक 35 जानें ले चुका है। यह जानकारी बुधवार को सरकारी आपदा राहत एजेंसी ने दी। तूफान ने सोमवार सुबह सबसे पहले सुरिगाओ देल सुर प्रांत में दस्तक दी। स्थानीय लोग इस तूफान को ‘सेनिआंग’ नाम से जानते हैं।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बुधवार को राष्ट्रीय आपदा जोखिम निवारण और प्रबंधन परिषद की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि तूफान के बाद से आठ लोग लापता हैं। वहीं, तूफान पीड़ित 5,000 से ज्यादा परिवार मजबूरन निकासी केंद्रों में रह रहे हैं।

मंगलवार को छह लोगों के मरने और एक के लापता होने की खबर थी।

सिन्हुआ ने मंगलवार को ऑफिस ऑफ सिविल डिफेन्स की रपट के हवाले से कहा कि मध्य प्रांत लेयत के तनौअन शहर में भूस्खलन की वजह से पांच लोग मिट्टी एवं चट्टानों के नीचे दब गए। इन पांच लोगों में तीन वयस्क और दो बच्चे शामिल थे।

देश के पश्चिमी भाग के पालवान द्वीप की तरफ बढ़ रहा यह उष्णकटिबंधीय तूफान अब भी पूरे वेग में है।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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