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बिजनेस

रिलायंस जियो ग्राहकों के लिए मुकेश अंबानी के नए ऐलान, पेश किया प्राइम ऑफर

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मुंबई। रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने मंगलवार को कहा कि रिलायंस जियो के ग्राहकों की संख्या 10 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई है। अंबानी ने मीडिया से कहा, “जियो को पिछले साल पांच सितंबर को लांच किया गया था और केवल 170 दिनों में हमने 10 करोड़ ग्राहकों के आंकड़े को पार कर लिया है। यह उपलब्धि भारत और भारतीयों की है।”

उन्होंने कहा कि जियो औसतन हर सेकेंड अपने नेटवर्क पर सात ग्राहकों को जोड़ता है। उन्होंने कहा, “यह दुनिया में कहीं भी किसी भी प्रौद्योगिकी कंपनी की स्वीकृति का एक अभूतपूर्व स्तर है।” अंबानी ने कहा कि रिलायंस जियो के शुरू होने से पहले भारत डेटा पेनिट्रेशन के मामले में 150वें स्थान पर था। अब यह पहले स्थान पर है।

उन्होंने कहा, “जियो के ग्राहकों ने 100 करोड़ गीगा बाइट डेटा का उपभोग किया है। मोबाइल डेटा के प्रयोग के मामले में आज भारत दुनिया में नंबर एक है।” अंबानी ने कहा कि 2017 के अंत तक देश की 99 फीसदी आबादी जियो के नेटवर्क के दायरे में होगी, जिसमें देश के सारे शहर, कस्बे और गांव शामिल होंगे।

उन्होंने ध्यान दिलाया कि कंपनी ने अपने प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले 4जी स्टेशनों की संख्या दोगुनी कर ली है। उन्होंने जियो के ग्राहकों के लिए अगले 12 महीने के लिए किफायती सदस्यता योजना की घोषणा की। इससे दूरसंचार कंपनियों के बीच प्रतिस्पर्धा और बढऩे की संभावना है।

उन्होंने कहा, “जियो प्राइम सदस्यता योजना के तहत 99 रुपये का शुल्क एक बार चुकाने पर एक साल तक इसके फायदे मिलेंगे। इसके लिए सदस्यता एक मार्च से 31 मार्च तक हासिल की जा सकती है। इसकी सदस्यता लेने पर अगले 12 महीनों के लिए असीमित फायदे मिलेंगे।”

साल 2018 के मार्च महीने के बाद जियो प्राइम के सदस्यों को अगले एक साल तक सेवा शुल्क के रूप में 303 रुपये प्रति माह चुकाने होंगे।

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि जो लोग प्राइम सदस्यता नहीं लेंगे उनके लिए कंपनी एक अप्रैल को टैरिफ प्लान की घोषणा करेगी।

अंबानी ने कहा जियो के टैरिफ प्लान में प्रतिद्वंद्वी कंपनियों की तुलना में 20 फीसदी अधिक डेटा मिलेगा।

बिजनेस

Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो

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नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।

व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।

तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।

व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।

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