बिजनेस
रिजर्व बैंक ने एनआरआई को दी राहत, 30 जून तक जमा कर सकेंगे पुराने नोट
नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने चलन से बाहर किए गए उच्च मूल्य के पुराने नोट बदलने के वास्ते प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) सहित उन लोगों के लिए शर्तें जारी की हैं जो 30 दिसंबर तक ऐसा करने में असफल रहे थे। आरबीआई की ओर से कहा गया कि भारतीय नागरिक जो 9 नवंबर से 30 दिसंबर तक विदेश में थे, वे इस सुविधा का लाभ 31 मार्च 2017 तक उठा सकते हैं और प्रवासी भारतीय जो इस अवधि के दौरान विदेश में थे, वे चलन से बाहर हुए अपने नोट 30 जून 2017 तक बदल सकते हैं।
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने साफ किया कि अप्रवासी भारतीय को फेमा कानून के तहत ही पुराने नोट बदलने की छूट होगी। गौरतलब है कि फेमा कानून के तहत अप्रवासी भारतीयों को 25 हजार रुपए तक की राशि ही विदेशों में ले जाने की छूट है।
आरबीआई ने कहा कि नागरिक इस सुविधा का इस्तेमाल अपनी निजी क्षमता में इस अवधि के दौरान एक बार कर सकते हैं। उन्हें इसके लिए पहचान पत्र के साथ ही इसका सबूत मुहैया कराना होगा कि वे अवधि के दौरान विदेश में थे और उन्होंने नोट बदलने की सुविधा का इस्तेमाल इससे पहले नहीं किया है।
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Whatsapp ने दी भारत छोड़ने की धमकी, कहा- अगर सरकार ने मजबूर किया तो
नई दिल्ली। व्हाट्सएप ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि अगर उसे उसे संदेशों के एन्क्रिप्शन को तोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो वह भारत में अपनी सेवाएं बंद कर देगा। मैसेजिंग प्लेटफॉर्म की ओर से पेश एक वकील ने कहा कि लोग गोपनीयता के लिए व्हाट्सएप का उपयोग करते हैं और सभी संदेश एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं।
व्हाट्सऐप का कहना है कि WhatsApp End-To-End Encryption फीचर यूजर्स की प्राइवेसी को सिक्योर रखने का काम करता है। इस फीचर की वजह से ही मैसेज भेजने वाले और रिसीव करने वाले ही इस बात को जान सकते हैं कि आखिर मैसेज में क्या लिखा है। व्हाट्सऐप की तरफ से पेश हुए वकील तेजस करिया ने अदालत में बताया कि हम एक प्लेटफॉर्म के तौर पर भारत में काम कर रहे हैं। अगर हमें एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर को तोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है तो व्हाट्सऐप भारत छोड़कर चला जाएगा।
तेजस करिया का कहना है कि करोड़ों यूजर्स व्हाट्सऐप को इसके एन्क्रिप्शन सिक्योरिटी फीचर की वजह से इस्तेमाल करते हैं। इस वक्त भारत में 40 करोड़ से ज्यादा व्हाट्सऐप यूजर्स हैं। यही नहीं उन्होंने ये भी तर्क दिया है कि नियम न सिर्फ एन्क्रिप्शन बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को भी कमजोर बनाने का काम कर रहे हैं।
व्हाट्सऐप के वकील ने बताया कि भारत के अलावा दुनिया में कहीं भी ऐसा कोई नियम नहीं है। वहीं सरकार का पक्ष रखने वाले वकील कीर्तिमान सिंह ने नियमों का बचाव करते हुए कहा कि आज जैसा माहौल है उसे देखते हुए मैसेज भेजने वाले का पता लगाने की जरूरत पर जोर दिया है। कोर्ट इस मामले पर अगली सुनवाई अब 14 अगस्त को करेगा।
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