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राष्ट्रपति ने असम के पूर्व राज्यपाल के निधन पर शोक जताया

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राष्ट्रपति ने असम के पूर्व राज्यपाल के निधन पर शोक जतायानई दिल्ली | राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को असम और जम्मू एवं कश्मीर के पूर्व राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल एस.के. सिन्हा के निधन पर शोक जताया। सिन्हा का गुरुवार को 90 साल की उम्र में निधन हुआ।

मुखर्जी ने अपने एक बयान में कहा, “वह भारत के महान बेटे थे, जिन्होंने असम तथा जम्मू एवं कश्मीर के राज्यपाल और नेपाल में राजदूत सहित कई पदों पर देश की सेवा की। उनके निधन के साथ देश ने एक महान इंसान को खोया है और उनकी सेवा को हमेशा याद रखा जाएगा।”

अपने जीवनकाल में उन्होंने पांच पुस्तकें भी लिखीं, जिनमें उनकी आत्मकथा ‘ए सोल्जर रिकॉल्स’ और 1947-48 में जम्मू एवं कश्मीर के अभियान पर आधारित किताब शामिल है।

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कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा- आप गलती मानते हैं, बोले- सवाल ही उठता, मेरे पास बेगुनाही के सारे सबूत

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नई दिल्ली। महिला पहलवानों से यौन शोषण मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह मंगलवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। कोर्ट ने उन्हें उनके खिलाफ तय किए आरोप पढ़कर सुनाए। इसके बाद कोर्ट ने बृजभूषण से पूछा कि आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप स्वीकार करते हैं? इस पर बृजभूषण ने कहा कि गलती की ही नहीं मानने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान कुश्ती संघ के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर ने भी स्वयं को बेकसूर बताया। तोमर ने कहा कि हमनें कभी भी किसी पहलवान को घर पर बुलाकर न तो डांटा है और न ही धमकाया है। सभी आरोप झूठे हैं।

मीडिया द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या आरोपों के कारण उन्हें चुनावी टिकट की कीमत चुकानी पड़ी, इस पर बृजभूषण सिंह ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “मेरे बेटे को टिकट मिला है।” बता दें कि उत्तर प्रदेश से छह बार सांसद रहे बृजभूषण शरण सिंह को इस बार भाजपा ने टिकट नहीं दिया है। पार्टी उनकी बजाय, उनके बेटे करण भूषण सिंह को कैसरगंज सीट से टिकट दिया है, जिसका बृजभूषण तीन बार प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

बृजभूषण सिंह ने सीसीटीवी रिकाॅर्ड और दस्तावेजों से जुड़े अन्य विवरण मांगने के लिए बृजभूषण सिंह ने आवेदन दायर किया है। उनके वकील ने कहा कि उनके दौरे आधिकारिक थे। मैं विदेश में उसी होटल में कभी नहीं ठहरा जहां खिलाड़ी स्टे करते थे। वहीं दिल्ली कार्यालय की घटनाओं के दौरान भी मैं दिल्ली में नहीं था। बता दें कि कोर्ट इस मामले में जल्द ही अपना फैसला सुना सकता है। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि एमपी-एमएलए मामलों में लंबी तारीखें नहीं दी जाएं। हम 10 दिन से अधिक की तारीख नहीं दे सकते।

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