अन्तर्राष्ट्रीय
यमन में हवाई हमलों से 1,20,000 विस्थापित : संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र| यमन में जारी राजनीतिक संकट और हौती विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी अरब के नेतृत्व में पिछले महीने से जारी हवाई हमलों के कारण 1,20,000 से ज्यादा लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफेन डुजैरिक ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मानवीय मामले के समन्वय कार्यालय (ओसीएचए) के हवाले से बताया, “अबयान में 1,730 से ज्यादा विस्थापित परिवार अस्थाई तौर पर स्कूलों, मेजबान समुदायों या रिश्तेदारों के घरों में रह रहे हैं।”
संघर्ष के कारण लोगों को खाने तक की समस्या हो रही है। अदन के स्थानीय बाजार में आटा नहीं है और सभी बेकरियां बंद हैं।
उन्होंने बताया, “अदन, अबयान और अल धाली के कुछ इलाकों में लैंडलाइन फोन और सेलफोन नेटवर्क काम नहीं कर रहे हैं। अदन और अल मुकल्ला में 12-12 घंटों तक बिजली गुल रहने से लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।”
प्रवक्ता ने बताया, “मानवतावादी साझीदार सहायता उपलब्ध करा रहे हैं और सड़कें पुन: खुलने पर जल्द से जल्द सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं।”
संयुक्त राष्ट्र में मानवतावदी मामलों की अंडर-सेक्रेटरी वालेरी एमोस ने यमन में जारी लड़ाई के बीच नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
उन्होंने सभी पक्षों से अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
मानवतावदी साझीदारों की रिपोर्टो के मुताबिक, पिछले दो सप्ताह में लगभग 519 लोग मारे जा चुके हैं और लगभग 1,700 लोग घायल हुए हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
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