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मुख्य समाचार

मारन के अतिरिक्त निजी सचिव गिरफ्तार

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नई दिल्ली : सीबीआई ने टेलीफोन लाइनों के कथित आवंटन के मामलें में  तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन के अतिरिक्त निजी सचिव रहे वी गौतमन सहित तीन लोगों को बीती बुधवार रात हिरासत में ले लिया है। सीबीआई ने तेज गति की 300 से ज्यादा टेलीफोन लाइनों कथित मामलें में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। गौतमन के अलावा सीबीआई ने सन टीवी नेटवर्क के मुख्य तकनीकी अधिकारी एस कन्नन और इलेक्ट्रेशियन एल एस रवि को भी गिरफ्तार किया है। जांच एजेंसी के अनुसार इन तीनों आरोपियों को अहम सबूत इकठ्ठा करने  के लिए गिरफ्तार किया गया है जिसके बाद सबूत उनसे पूछताछ में सामने आ सकते हैं। सीबीआई ने कहा कि इनको कल चेन्नई स्थित एक अदालत में पेश किया जाएगा। यह मामला तेज गति की 300 से अधिक टेलीफोन लाइनों को तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री मारन के चेन्नई स्थित आवास को कथित तौर पर आवंटित करने का है। आरोप है कि इन लाइनों को उनके भाई के सन टीवी नेटवर्क को दे दिया गया। सीबीआई ने अक्तूबर, 2013 में प्राथमिकी दर्ज की थी और इसमें मारन तथा बीएसएनएल के अधिकारियों एवं सांसद वेलुस्वामी को नामित किया गया था। इन अधिकारियों में मुख्य महाप्रबंधक क़े ब्रह्मनाथन का नाम भी था। मामलें की शुरुआत में सीबीआई ने इसे पूर्व मंत्री के खिलाफ नियमित मामले के तौर पर आगे ले जाने को देखते हुए कई सबूत हासिल करने का दावा किया था।

 

 

नेशनल

जानिए कौन हैं वो चार लोग, जिन्हें पीएम मोदी ने नामांकन के लिए अपना प्रस्तावक चुना

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी के काल भैरव मंदिर में दर्शन करने के बाद अपना नामांकन दाखिल कर दिया। पीएम मोदी ने वाराणसी से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया है। पीएम मोदी के नामांकन में गृह मंत्री अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत 20 केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। इसके अलावा 12 राज्यों के सीएम भी शामिल हुए। पीएम मोदी के नामांकन के दौरान उनके साथ चार प्रस्तावक भी कलेक्ट्रेट में मौजूद रहे।

इनमें एक पुजारी, दो ओबीसी और एक दलित समुदाय के व्यक्ति का नाम है। दरअसल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान चार प्रस्तावक मौजूद रहे। इनमें पहला नाम आचार्य गणेश्वर शास्त्री का है, जो कि पुजारी हैं। इसके बाद बैजनाथ पटेल पीएम मोदी के नामांकन के दौरान प्रस्तावक बने, जो ओबीसी समुदाय से आते हैं। वहीं लालचंद कुशवाहा भी पीएम के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर शामिल हुए। ये भी ओबीसी समाज से आते हैं। पीएम मोदी के प्रस्तावकों में आखिरी नाम संजय सोनकर का भी है, जो कि दलित समुदाय से हैं।

चुनाव में प्रस्तावक की भूमिका अहम होती है। ये ही वे लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव रखते हैं। निर्वाचन आयोग के मुताबिक, प्रस्तावक वे स्‍थानीय लोग होते हैं, जो किसी उम्मीदवार को चुनाव लड़ने के लिए अपनी ओर से प्रस्तावित करते हैं। आमतौर पर नामांकन के लिए किसी महत्वपूर्ण दल के वीआईपी कैंडिडेट के लिए पांच और आम उम्मीदवार के लिए दस प्रस्तावकों की जरूरत होती है।

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