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मान्यताओं पर लक्ष्मण रेखा पार न करें अदालतें: शिवसेना

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सुप्रीम कोर्ट, महाराष्ट्र में दही-हांडी उत्सव पर प्रतिंबध, शिवसेना, गणेशोत्सव दही-हांडी और नवरात्रि त्योहार, मान्यताओं का हिस्सा

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सुप्रीम कोर्ट, महाराष्ट्र में दही-हांडी उत्सव पर प्रतिंबध, शिवसेना, गणेशोत्सव दही-हांडी और नवरात्रि त्योहार, मान्यताओं का हिस्सा

dahi handi 2016

मुंबई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा महाराष्ट्र में दही-हांडी उत्सव पर प्रतिंबध लगाये जाने पर शिवसेना ने कड़ा रख अख्तियार करते हुये शनिवार को कहा कि लोग हिन्दू उत्सवों के संबंध में इस प्रकार की बाधाएं लगाने के प्रयासों को विफल कर देंगे। शिवसेना ने कहा, गणेशोत्सव, दही-हांडी और नवरात्रि त्योहार सभी हमारी मान्यताओं का हिस्सा हैं। हमें निर्देश देने वाले न्यायालयों को कम से कम इस मुद्दे पर लक्ष्मण रेखा पार नहीं करनी चाहिये।

शिवसेना ने कहा, लोगों ने लोकतांत्रित तरीके से अपनी सरकार चुनी है। यह काम सरकार को करने दीजिये। सरकार के शीर्ष लोग इस बात को जानते हैं कि क्या सही है और क्या गलत है। यदि सरकार को नकारने और लोकतंत्र की हत्या का प्रयास किया जाएगा, तो सभी मोर्चो पर राष्ट्रीय व्यवस्था ध्वस्त हो जाएगी।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में कहा, हिन्दुओं के त्योहार और रीति रिवाज जारी रहेंगे। लोग इनमें बाधा डालने के प्रयासों को विफल कर देंगे और इस काम में शिवसेना अगुवाई करेगी। शिवसेना ने कहा, जब अदालतें सरकार का काम करने लगेंगी, तो उन्हें बदनामी सहने के लिए भी तैयार रहना चाहिये।

संपादकीय में कहा गया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि अदालतें वे फैसले करने की कोशिश कर रही हैं जिन्हें करने की सरकार से उम्मीद की जाती है। शिवसेना ने कहा कि उत्सवों के बारे में अदालतों के इस तरह के फतवों :निर्देशों: से जनता में गुस्सा है।

उल्लेखनीय है कि न्यायालय के फैसले के संबंध में शिवसेना की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है, जब एक दिन पहले मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने कहा था कि महाराष्ट्र के महाधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर होने वाली अगली सुनवाई में दही-हांड़ी उत्सव को लेकर सरकार की पैरवी करेंगे।

दही-हांडी उत्सव समन्वय समिति के प्रतिनिधि मंडल ने सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के निर्णय पर कल मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात की थी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि दही-हांडी की ऊंचाई 20 फुट से ज्यादा नहीं होनी चाहिये और इसमें मानव पिरामिड बनाने वाले प्रतिभागियों की उम्र 18 साल से अधिक होनी चाहिये।

सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से दही-हांडी समूहों में नाराजगी छा गयी थी, जिनका मानना था कि परंपरागत त्योहार दही-हांडी के लिए ऊंचाई की सीमा तय करने से इस खेल में रोमांच और साहस समाप्त हो जाएगा। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने इस तर्क को अदालत में जोरदार तरीके से नहीं रखने पर बृहस्पतिवार को सरकार की आलोचना की थी। फडणवीस ने दही-हांडी प्रतिनिधि मंडल से सभी मानकों के अनुसार यह उत्सव मनाने को कहा था।

नेशनल

628 को उम्रकैद, 37 को दिलवाई फांसी, जानें कौन हैं मुंबई उत्तर मध्य सीट से बीजेपी उम्मीदवार उज्जवल निकम

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मुंबई| लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा ने शनिवार को 15वीं सूची जारी कर दी। इस सूची में उज्जवल निकम का नाम भी शामिल है। मशहूर वकील उज्जवल निकम को भाजपा ने 2024 लोकसभा चुनाव के लिए मुंबई उत्तर मध्य सीट से प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से पूनम महाजन का टिकट काट गया है।

बता दें कि पूनम महाजन मुंबई की नॉर्थ सेंट्रल सीट से बीजेपी की निवर्तमान सांसद है। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें इस सीट से अपना उम्मीदवार बनाया था जिसमें उन्हें जीत हासिल हुई थी। इससे पहले 2014 में भी वह इसी सीट से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंची थीं लेकिन इस बार पार्टी ने उनपर भरोसा न जताकर वरिष्ठ वकील उज्जवल निकम को चुनावी मैदान में उतारा है।

बता दें कि उज्जवल निकल देश के जाने-माने वकील हैं उन्हीं ने मुंबई में 26/11 हमले को अंजाम देने वाले आतंकी आमिर कसाब को फांसी के फंदे तक पहुंचाया था। इस केस में वह विशेष लोक अभियोजक भी थे। इसके अलावा वह 1993 के बम धमाकों, गुलशन कुमार हत्याकांड और प्रमोद महाजन हत्याकांड जैसे हाई प्रोफाइल केसों में सरकारी की ओर से केस लड़ चुके हैं। उन्होंने अपने 30 साल लंबे करियर में 628 लोगों को आजीवन कारावास और 37 लोगों को मृत्युदंड की सजा दिलवाई।

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