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प्रादेशिक

मदर मिल्क बैंक : कामकाजी महिलाओं के लिए वरदान

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नई दिल्ली| आरती कटारिया (24) की सास अपने पोते-पोतियों के जन्म के बीच उचित अंतराल की पक्षधर थीं। लेकिन आरती के पति की लड़का होने की ख्वाहिश से सब कुछ बदल गया। आरती ने एक लड़की को जन्म दिया और यहीं से समस्या शुरू हो गई।

हालांकि, आरती ने एक हृलड़की-पुष्ट लड़के को भी जन्म दिया। लेकिन भारी रक्तस्राव और शुरुआती कमजोरी और बाद में उसके पेशेवर करियर की वजह से उसके बच्चे और पोषण के बीच एक बाधा उत्पन्न हो गई। मां का दूध न मिलने की वजह से बच्चे को संक्रमित पाउडर दूध दिया जाने लगा, जिससे बच्चे के जन्म के पहले महीने में ही उसे निमोनिया हो गया।

आरती इस बात से अनजान थी कि उसके बच्चे की इस स्थिति का कारण मां के दूध की कमी है, जो वह अपने व्यस्त कामकाज की वजह से नहीं दे पाई। परिवार ‘मदर मिल्क बैंक’ का दूध बच्चे को देने से कतराता रहा। मदर मिल्क बैंकों में जरूरतमंदों के लिए दान किया हुआ मानव दूध मिलता है।

हालांकि, बच्चे को कृत्रिम दूध और अवयवों से दूर रखने की चिकित्सकों की निरंतर चेतावनी से डरकर आरती कटारिया ने मदर मिल्क बैंक को आजमाने का फैसला किया। इससे आरती के बेटे के स्वास्थ्य में सुधार भी हुआ।

यहां तक कि आरती ने इस उपाय को अपने सहयोगियों में भी साझा किया, जिनमें ज्यादातर कामकाजी मां शामिल थीं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और यूनिसेफ के मुताबिक, वैश्विक स्तर पर सिर्फ 20 प्रतिशत महिलाएं ही अपने बच्चों को स्तनपान करा पाती हैं।

दिल्ली स्थित बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में बाल और किशोर चिकित्सा विभाग में नवजात मामलों के सलाहकार अंकुर कुमार के मुताबिक, “मदर मिल्क बैंक बच्चों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं। दानकर्ता मां से दूध लेने से पहले उनके स्वास्थ्य की पूरी जांच की जाती है। यह देखा जाता है कि कहीं वे टीबी या अन्य संक्रमित बीमारियों जैसे एचआईवी या हेपेटाइटिसस से पीड़ित तो नहीं है।”

उन्होंने कहा कि दानकर्ता का दूध लेने से पहले यह भी सुनिश्चित किया जाता है कि उसका कहीं इलाज तो नहीं चल रहा। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण यह सुनिश्चित करना है कि क्या वह दूध दान करने की इच्छुक है।

हाल ही में किए गए अध्ययन में पता चला है कि प्रत्येक 1,000 नवजातों को कभी भी स्तनपान नहीं कराया गया।

भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश और कई अन्य दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों में स्थिति अधिक खराब है। क्योंकि यहां स्वास्थ्य संसाधनों की स्थिति खराब है। एशिया में पहले मदर मिल्क बैंक की स्थापना मुंबई में 27 नवंबर, 1989 में की गई थी।

दूध संग्रह प्रक्रिया को समझाते हुए पुणे के केईएम अस्पताल की स्तनपान सलाहकार अमृता देसाई ने आईएएनएस को बताया, “स्तन दूध पूर्ण उचित कदमों के साथ प्रशिक्षित स्टाफकर्मियों द्वारा संग्रहित किया जाता है। स्तन का दूध या तो हाथ से या फिर स्तन पंप के जरिए निकाला जाता है। इस दूध को उचित रूप से लेबल लगे स्टेराइल कंटेनरों में संग्रहित किया जाता है औ कोल्ड स्टोरेज स्थितियों में बैंकों में पहुंचाया जाता है।”

देसाई का कहना है कि एक बार दूध संग्रहित करने पर इसे तत्काल ही 20 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर रखा जाता है।

उन्होंने कहा, “यदि जीवाणु संवर्धन नकारात्मक है तो दूध को पाश्चरीकृत किया जाता है।”

 

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी काट डालने की धमकी देने वाला शख्स प्रयागराज से गिरफ्तार, रोते हुए बोला-गलती हो गई

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प्रयागराज। एक यू ट्यूबर से बात करते हुए सीएम योगी को काट डालने की धमकी देने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी शख्स का नाम शमीम है। उसका एक वीडियो बीते दिनों वायरल हुआ था जिसमें वो कह कह रहा था, ‘कौन है योगी आदित्यनाथ? अगर हिम्मत है तो हमारे लालगोपालगंज इलाके में आए। हमारे ऊपर बुलडोजर चलाकर दिखा दें। बकरा बनाकर काटेंगे। चैलेंज, खुल्ला चैलेंज।’

पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी शमीम ने बताया कि नशे की हालत में यूट्यूबर ने उसे उकसाकर सीएम के लिए अपशब्द बुलवा लिए थे। नशा उतरने पर उसे अपनी गलती का आभास हुआ तो उसने यूट्यूबर से संपर्क कर माफी का वीडियो भी बनवाया और उसे अपलोड करने की बात कही। लेकिन उसने माफी वाला वीडियो जारी नहीं किया। इसके बाद उसने खुद माफ़ी मांगने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल करने का प्रयास किया था।

जानकारी के मुताबिक, सोमवार की रात में प्रयागराज पुलिस ने रेलवे स्टेशन के पास चेकिंग के दौरान एक युवक को पकड़ा। जिसके पास से तमंचा कारतूस और देशी बम और चोरी का मोबाइल बरामद हुआ। पुलिस युवक को थाने लाकर पूछताछ की तो पता चला कि ये वही युवक है, जिसने कुछ दिनों पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ को काट डालने की धमकी दी थी। इस मामले में भी पुलिस ने आरोपी शमीम के खिलाफ केस भी दर्ज कर किया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की टीम दिल्ली तक गयी थी लेकिन पुलिस से बचने के लिए ही वो दिल्ली से भागकर प्रयागराज पहुंच गया था और यहां पर छिपकर रह रहा था।

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