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प्रादेशिक

प्रेमी का फोन नहीं लगा तो प्रेमिका ने दर्ज करवा दिया रेप केस, पूरी घटना जानकर चकरा जाएंगे!

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नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के मुखर्जी नगर से चौंका देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक प्रेमिका ने अपने प्रेमी पर सिर्फ इस वजह से रेप का केस कर दिया क्योंकि उसका फोन नॉट रिचेबल आ रहा था। बाद में इस घटना में तब नाटकीय मोड़ आया जब प्रेमिका कोर्ट में पेशी के दौरान अपने बयान से मुकर गई।

टाइम्स ग्रुप की एक रिपोर्ट के अनुसार, लड़की मुखर्जी नगर में रहकर यूपीएससी की तैयारी करती है। तैयारी के दौरान उसकी मुलाकात एक लड़के से हुई और दोनों के बीच प्यार हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों के बीच शादी की बात भी चल रही थी।

पुलिस को दिए बयान में लड़की ने बताया था कि 2 जुलाई 2017 को आरोपी ने पीड़िता की मांग में सिंदूर भरा था। दोनों मुखर्जी नगर में साथ एक कमरे में रहते थे। इसी दरमियान उनके बीच कई बार शारीरिक संबंध भी बने।

इसके कुछ दिनों बाद प्रेमी किसी काम की वजह से घर चला गया। पीड़िता ने कई बार कॉल कर उससे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई। उसे लगने लगा कि उसके साथ धोखा हुआ है।

लड़की को लगा कि उसे प्रेमी ने धोखा दिया है इसलिए वो थाने पहुंच गई और लड़के के खिलाफ रेप केस दर्ज करवा दिया। मामला जब कोर्ट में पहुंचने के बाद लड़की के बयान बदल गए।

युवती ने कोर्ट को बताया कि वह और आरोपी पति-पति हैं। साथ ही लड़की ने ये भी बताया कि उसके और लड़के के बीच आपसी सहमती से संबंध बने हैं। लड़की ने बताया कि उसने एक सोशल वर्कर के कहने पर रेप केस दर्ज करवाया था।

उत्तर प्रदेश

जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं, मुख्तार की मौत पर बोले अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी की मौत पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उन्होंने इस मामले पर योगी सरकार को भी जमकर घेरा है। उन्होंने मामले की सर्वोच्च न्यायालय के जज की निगरानी में जांच किए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यूपी इस समय सरकारी अराजकता के सबसे बुरे दौर में है। यह यूपी की कानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

सोशल मीडिया साइट एक्स पर अखिलेश ने लिखा कि  हर हाल में और हर स्थान पर किसी के जीवन की रक्षा करना सरकार का सबसे पहला दायित्व और कर्तव्य होता है। सरकारों पर निम्नलिखित हालातों में से किसी भी हालात में, किसी बंधक या क़ैदी की मृत्यु होना, न्यायिक प्रक्रिया से लोगों का विश्वास उठा देगा।

अपनी पोस्ट में अखिलेश ने कई वजहें भी गिनाई।उन्होंने लिखा- थाने में बंद रहने के दौरान ,जेल के अंदर आपसी झगड़े में ,⁠जेल के अंदर बीमार होने पर ,न्यायालय ले जाते समय ,⁠अस्पताल ले जाते समय ,⁠अस्पताल में इलाज के दौरान ,⁠झूठी मुठभेड़ दिखाकर ,⁠झूठी आत्महत्या दिखाकर ,⁠किसी दुर्घटना में हताहत दिखाकर ऐसे सभी संदिग्ध मामलों में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में जाँच होनी चाहिए। सरकार न्यायिक प्रक्रिया को दरकिनार कर जिस तरह दूसरे रास्ते अपनाती है वो पूरी तरह ग़ैर क़ानूनी हैं।

सपा प्रमुख ने कहा कि जो हुकूमत जिंदगी की हिफ़ाज़त न कर पाये उसे सत्ता में बने रहने का कोई हक़ नहीं।  उप्र ‘सरकारी अराजकता’ के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है। ये यूपी में ‘क़ानून-व्यवस्था का शून्यकाल है।

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