Connect with us
https://www.aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

बच्चों के कौशल विकास को प्रोत्साहित करने को ‘मेरी मां’ का आयोजन

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 20 दिसंबर (आईएएनएस)| लड़की बचाओ अभियान के तहत उनके कौशल विकास, स्वच्छता, सशक्तिकरण के साथ समाज के विशेषाधिकारित बच्चों के कौशल के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए ली-रिदम अपनी 10वें वार्षिक सांस्कृतिक समारोह ‘मेरी मां’ का आयोजन 23 व 24 दिसंबर को मेला ग्राउंड, सीआर पार्क , नई दिल्ली में आयोजित करेगा। इसमें छात्र भारत के प्रसिद्ध कलाकारों के साथ प्रदर्शन करेंगे। प्रसिद्ध गायक और ली-रिदम की संस्थापक रिनी मुखर्जी ने कहा, रामकृष्ण परमहंस देव के दिव्य मां ‘मा शारदा’ आध्यात्मिक समकक्ष की जयंती मनाने के लिए लड़कियों को बचाने और वंचित बच्चों के विकास में मदद के लिए, ली-रिदम की ओर से एक शानदार कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें पं. विश्व मोहन भट्ट, पं. रोनू मजूमदार, पं. कुमार बोस, पं. राजेंद्र प्रसन्ना, शिवमानी, बाबुल सुप्रियो और रिदम स्कूल के छात्र भी परफार्म करेंगे। इसके जरिए हम युवा पीढ़ी को हमारी मातृभूमि और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।

ट्रस्ट के सचिव राजीव मधुपाध्याय ने कहा, हमें समाज के वंचित वर्ग को कौशल विकास कार्यक्रम के माध्यम से आत्मनिर्भरता के लिए लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है, ताकि अंतत: वे समाज के लिए वास्तविक योगदानकर्ता बन सकें। एक मजबूत समाज बनाने के लिए किसी भी रूप में शिक्षा अपरिहार्य है और संगीत एक चिकित्सा के रूप में कार्य करता है।

ली-रिदम के संरक्षक देवशिष साहा ने कहा कि ऐसे प्रतिष्ठित कलाकारों को एक छतरी के नीचे लाना गर्व की बात है। यह भारतीय कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक शानदार पहल है। यह मंच विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देने में सहायता करेगा।

Continue Reading

आध्यात्म

आज पूरा देश मना रहा रामनवमी, जानिए इसके पीछे की पूरी पौराणिक कहानी

Published

on

Loading

नई दिल्ली। आज पूरे देश में रामनवमी का त्यौहार बड़ी धूम धाम से मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन भगवान राम का जन्म हुआ था। जो विष्णु का सातवां अवतार थे। रामनवमी का त्यौहार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाया जाता है। आइये जानते हैं इसके पीछे की पौराणिक कहानी।

पौराणिक कथाओं के मुताबिक भगवान राम ने भी मां दुर्गा की पूजा की थी, जिससे कि उन्हें युद्ध के समय विजय मिली थी। साथ ही माना जाता है इस दिन गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरित मानस की रचना का आरंभ किया। राम नवमी का व्रत जो भी करता है वह व्यक्ति पापों से मुक्त होता है और साथ ही उसे शुभ फल प्रदान होता है

रामनवमी का इतिहास-

महाकाव्य रामायण के अनुसार अयोध्या के राजा दशरथ की तीन पत्नियां थी। कौशल्या, सुमित्रा और कैकयी। शादी को काफी समय बीत जाने के बाद भी राजा दशरथ के घर किसी बालक की किलकारी नहीं गूंजी थी। इसके उपचार के लिए ऋषि वशिष्ट ने राजा दशरथ से पुत्र प्राप्ति के लिए कमेश्टी यज्ञ कराने के लिए कहा। जिसे सुनकर दशरथ खुश हो गए और उन्होंने महर्षि रुशया शरुंगा से यज्ञ करने की विन्नती की। महर्षि ने दशरथ की विन्नती स्वीकार कर ली। यज्ञ के दौरान महर्षि ने तीनों रानियों को प्रसाद के रूप में खाने के लिए खीर दी। इसके कुछ दिनों बाद ही तीनों रानियां गर्भवती हो गईं।

नौ माह बाद चैत्र मास में राजा दशरथ की बड़ी रानी कौशल्या ने भगवान राम को जन्म दिया, कैकयी ने भरत को और सुमित्रा ने दो जुड़वा बच्चे लक्ष्मण और शत्रुघन को जन्म दिया। भगवान विष्णु ने श्री राम के रूप में धरती पर जन्म इसलिए लिया ताकि वे दुष्ट प्राणियों का नरसंहार कर सके।

Continue Reading

Trending