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राजस्थान के राजसमंद जिले में तनाव, अतिरिक्त बल तैनात

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जयपुर, 20 दिसम्बर (आईएएनएस)| राजस्थान में एक अतिक्रमित भूमि पर बने मंदिर को ढहाने के बाद फैले तनाव के मद्देनजर शांति बनाए रखने के लिए कुछ गांवों में अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है। तर्सिग्दा में ग्रामीणों और प्रशासन के बीच झड़प के बाद राजसमंद जिले के विभिन्न गांवों में पथराव की खबरें सामने आई थीं। मंगलवार रात एक कार में और दुकान में आग लगा दी गई, जो जलखर खाक हो गई।

प्रशासन ने बुधवार को ग्रामीणों को नए सिरे से वार्ता के लिए बुलाया, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके की स्थिति नियंत्रण में है और ग्रामीणों को प्रशासन से कोई मतभेद नहीं है।

जिला कलेक्टर पी. सी. बेरवाल ने कहा, ग्रामीणों को सूचित किया गया है कि यदि वे इस स्थान पर एक मंदिर बनाना चाहते हैं, तो उन्हें उचित नियमों का पालन करना होगा और ऐसा लगता है कि उन्होंने भी यही समझा है।

बेरवाल ने आईएएनएस को बताया कि तर्सिग्दा के ग्रामीणों ने मंदिर में एक प्रतिमा रखी थी, जिसे निकालकर सोमवार रात मंदिर को ढहा दिया गया, क्योंकि वह सरकारी जमीन पर बना था।

उन्होंने कहा, मंदिर अतिक्रमित जमीन पर बना हुआ था, इसलिए हमें उसे गिराना था। हालांकि, इस प्रक्रिया से ग्रामीणों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं।

बेरवाल ने कहा, मंगलवार शाम उन्होंने शांतिपूर्ण और चुपचाप तरीके से जुलूस निकाला। वे बड़ी संख्या में कलेक्टर परिसर के बाहर इकठ्ठा हुए और मंदिर में दोबारा प्रतिमाओं को स्थापित करने की मांग की। साथ ही उन्होंने इस संबंध में एक ज्ञापन भी सौंपा है।

उन्होंने कहा, इस बीच, कुछ बदमाशों ने गांव जाते वक्त रास्ते में भड़काऊ नारे लगाने शुरू कर दिए और उनमें से कुछ ने गांव में तनाव की स्थिति पैदा करने के लिए पथराव का सहारा लिया।

अधिकारी ने कहा, स्थिति उस वक्त खराब हो गई, जब गांव के एक स्कूल के बाहर खड़ी गाड़ी में आग लगा दी गई। इसके तुरंत बाद, ककरोली में बदमाशों ने एक दुकान को तबाह कर दिया।

उन्होंने ने कहा, पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को शांति और सद्भाव भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा, संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त बलों को सख्त निगरानी रखने के लिए तैनात किया गया।

बेरवाल ने कहा, आगे की जांच के लिए पता लगाया जा रहा है कि क्या बाहरी ताकतों की मदद से तनाव बढ़ाया जा रहा है। हमने कभी ऐसा नहीं सोचा था कि इस तरह की एक छोटी-सी घटना तनाव को बढ़ा सकती है।

उन्होंने कहा कि स्थिति का जायजा लिया जा रहा है, ताकि यह तय किया जा सके कि आगे के लिए अतिरिक्त बलों की वहां जरूरत है या नहीं।

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नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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