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मुख्य समाचार

फरवरी से पहले अगर सिम कार्ड आधार लिंक के साथ नहीं हुए वेरीफाई, तो भुगतना पड़ेगा यह खामियाजा

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आखिरकार अब वो समय आ ही गया जब आप सभी को अपना सिम कार्ड आधार लिंक के साथ वेरीफाई कराना ही पड़ेगा क्यूंकि अब इसके लिए सरकार आपको अब और टाइम नहीं देंगी। बता दें, कि केंद्र सरकार ने सिम कार्ड को आधार के साथ लिंक कराने की समय सीमा निश्चित कर दी है। फरवरी 2018 तक अगर आपके सिम कार्ड आधार के साथ वेरिफाई नहीं हुए तो आपके सिम को डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा। अब सभी सिम कार्ड का आधार के साथ लिंक कराना जरूरी हो गया है।

इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वह एक साल के अंदर सभी मोबाइल टेलिफोन उपभोक्ताओं की पहचान करें। इसके लिए कोर्ट ने कहा था कि उपभोक्ताओं के सत्यापन के लिए के लिए सिम कार्ड को उनके आधार से जोड़ा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने फरवरी 2017 में ये आदेश, लोकनीति फाउंडेशन एनजीओ द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया था।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सीजेआई खेहर ने कहा था कि मोबाइल सिम कार्ड रखने वालों की पहचान होना जरूरी है। ऐसा ना होने पर यह धोखाधड़ी से रुपये निकालने के काम में इस्तेमाल हो सकता है।

टेलीकॉम कंपनी अपने कस्टमर्स को उनके नंबर पर वेरिफिकेशन कोड भेजेंगी। E-KYC प्रोसेस से पहले टेलीकॉम ऑपरेटर यह भेजे गए कोड के जरिए सुनिश्चित करेगी कि वो सिम कार्ड होल्डर उपलब्ध है या नहीं. जिसके बाद कंपनिया E-KYC प्रक्रिया शुरू करेंगी।

सभी टेलीकॉम कंपनियों सभी मौजूदा कस्टमर्स के सिम का वेरिफिकेशन फिर से करेंगें। इनमें प्रीपेड और पोस्टपेड यूजर्स शामिल होंगे। इनकी वेरिफिकेशन आधार कार्ड आधारित E-KYC प्रोसेसर से किया जाएगा। सिम कार्ड्स के वेरिफिकेशन SMS के जरिए होंगे।

 

 

नेशनल

बाबा रामदेव की सोन पापड़ी भी टेस्ट में ‘फेल’, असिस्टेंट मैनेजर समेत 3 को 6 महीने की जेल

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नई दिल्ली। योग गुरु बाबा रामदेव की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। भ्रामक विज्ञापनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि को फटकार लगाई थी। अब पतंजलि कंपनी की सोन पापड़ी फूड टेस्‍ट में फेल गई है। मुख्‍य न्‍यायिक मजिस्‍ट्रेट ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्‍टेंट मैनेजर सहित तीन लोगों को छह महीने जेल की सजा सुना दी है। तीनों पर जुर्माना भी लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 59 के तहत सजा सुनाई गई है। असिस्टेंट मैनेजर को 50 हजार और अन्य 2 दोषियों को 10 और 25 हजार रुपये जुर्माना भरना होगा। मामले में शिकायतकर्ता की ओर से रितेश वर्मा ने पैरवी की।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 17 अक्टूबर 2019 को जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ बेरीनाग बाजार का दौरा किया था। इस दौरान बेरीनाग बाजार स्थित लीलाधर पाठक की दुकान में रेड मारी गई। जांच करते हुए रेड टीम ने पतंजलि नवरत्न इलायची सोन पापड़ी के सैंपल लिए और उन्हें जांच के लिए रुद्रपुर की लैंब में भेजा गया। साथ ही सप्लायर रामनगर कान्हा जी और पतंजलि को नोटिस जारी किए गए।

जांच में मिठाई की क्वालिटी घटिया मिली। सैंपल फेल हो गया और पुलिस ने एक्शन लेकर पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के असिस्टेंट जनरल मैनेजर अभिषेक कुमार, कान्हा जी डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड रामनगर के असिस्टेंट मैनेजर अजय जोशी, दुकानदार लीलाधर पाठक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों के खिलाफ सुनवाई पूरी होने के बाद बीते दिन जेल और जुर्माने की सजा सुनाई गई।

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