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पिताजी के इलाज में कोताही बरती गई थी : विजय 

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पटना| पूर्व रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र के पुत्र विजय कुमार मिश्र आज भी उस हादसे को भूल नहीं पाए हैं, जिसने उनके पिता को उनसे छीन लिया था। आज भी उस हादसे को लेकर उनकी आंखें भर आती हैं। मिश्र की हत्या के मामले में फैसला आने में करीब चार दशक का लंबा समय लगा है। वैसे भी इस फैसले से पीड़ित के परिजन खुश नहीं हैं।

उनके पुत्र विजय ने इस फैसले पर कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने तो यहां तक कह दिया है कि अगर दोषियों को सजा मिलती है, तो वे उनके परिवार के लोगों से माफी मांगेंगे।

मिश्र ने  साथ एक विशेष बातचीत में कहा, “पिताजी बम से नहीं मारे गए, उनके इलाज में कोताही बरती गई। घटना समस्तीपुर में हुई और उन्हें दरभंगा न ले जाकर पटना के दानापुर के एक अस्पताल ले जाया गया। यही नहीं, इस अस्पताल में डेढ़-दो घंटे उनसे पूर्व में चल रही दवा के नाम पूछने में गुजार दिए गए।”

उस हादसे की चर्चा प्रारंभ होने के साथ ही उनका दर्द छलक कर बाहर आ जाता है। वह बताते हैं कि हादसे की जानकारी उन्हें उनके बहनोई ने सबसे पहले दी थी।

वह कहते हैं कि घटना के बाद ट्रेन से पिताजी को दानापुर लाया गया था और जब इलाज के दौरान उन्हें एक्स-रे के लिए ले जाया जा रहा था तब उन्होंने कहा था, “मुझे कुछ नहीं हुआ है। जगन्नाथ (पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र) को बहुत चोट लगी है। तुम लोग उनके पास जाओ। उस समय वह एकदम ठीक थे।”

उस पुरानी यादों में खोए विजय कहते हैं कि एक रेल मंत्री की हत्या के मामले में फैसला आने में चार दशक का समय लग जा रहा हो, तो समझा जा सकता है कि आखिर इसके पीछे कुछ न कुछ तो जरूर है।

विजय अपने पिताजी को घायल स्थिति में उनके पटना लाने पर भी सवाल खड़ा करते हैं। वह कहते हैं, “हादसे की जगह समस्तीपुर से कुछ दूरी पर दरभंगा है, जहां उस समय मशहूर चिकित्सक डॉ़ नवाब थे। घटना के समय दरभंगा के पुलिस उपमहानिरीक्षक बीरेन्द्र प्रसाद भी घायल हुए थे, उस समय उन्हें दरभंगा डॉ़ नवाब के पास ले जाया गया था, परंतु पिताजी को पटना ले जाया गया।”

वह कहते हैं कि मुझे इस प्रश्न का जवाब आज तक नहीं मिल पाया है कि आखिर उन्हें पटना इलाज के लिए क्यों ले जाया गया।

विजय कहते हैं, “इस फैसले से कोई और संतुष्ट हो सकता है, परंतु मैं संतुष्ट नहीं हूं। आखिर 39 वर्ष बाद आए किसी फैसले से कोई कैसे संतुष्ट हो सकता है?”

उन्होंने फैसले पर भी सवाल खड़े किया और कहा, “मैंने भी इस मामले में गवाही दी है। मेरे विचार से इस मामले में आनंदमार्गियों का कोई हाथ नहीं हो सकता। आखिर उनकी (ललित बाबू) हत्या से उनको क्या फायदा था?”

उन्होंने कहा, “न्यायालय ने जिसे दोषी करार दिया है, वे निर्दोष हैं। यह मैं पहले भी कहता था और आगे भी कहूंगा।”

बकौल विजय, “इस फैसले से उनको न्याय नहीं मिला है। अगर दोषियों को सजा मिलती है, तो वह उनके परिवार के लोगों से माफी मांगेंगे।”

उल्लेखनीय है कि दो जनवरी, 1975 को समस्तीपुर रेलवे स्टेशन के समीप एक रेललाइन के उद्घाटन समारोह के दौरान बम विस्फोट में तत्कालीन रेलमंत्री ललित नारायण मिश्र घायल हो गए थे। जांचकर्ताओं ने कहा था कि बम मंच के नीचे रखा था।

इस हादसे में उनके भाई जगन्नाथ मिश्र भी घायल हो गए थे। घायल रेलमंत्री को पटना लाया गया, जहां एक दिन बाद उनका निधन हो गया था।

इस मामले में सोमवार को दिल्ली की एक अदालत ने चार आरोपियों को दोषी करार दिया है।

नेशनल

स्मृति ईरानी ने अमेठी से किया नामांकन, एमपी के सीएम मोहन यादव भी रहे मौजूद

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अमेठी। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने आज अमेठी से अपना नामांकन दाखिल कर दिया। इस मौके पर उनके साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव मौजूद रहे। सत्तारूढ़ी बीजेपी की ओर से स्मृति ईरानी को अमेठी का टिकट दिया गया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से राहुल गांधी को मात दी थी।

नामांकन से पहले स्मृति ईरानी ने रोड शो किया जो करीब दो किमी लंबा था। यह भाजपा कार्यालय से कलेक्ट्रेट तक गया। कलेक्ट्रेट के बाहर ढोल नगाड़ों के साथ नाच गाना भी हुआ। भारी संख्या में कार्यकर्ता वहां मौजूद रहे।नामांकन से पहले उन्होंने अपने अमेठी स्थित आवास पर पूजा-पाठ किया।

इससे पहले रविवार को दिन में वह अयोध्या गई थीं और उन्होंने रामलला के दर्शन किए थे। भगवान राम की पूजा-अर्चना करने के बाद ईरानी ने कहा, ‘आज मैं खुद को सौभाग्यशाली मानती हूं कि मेरा जन्म ऐसे युग में हुआ, जिसमें हमारे रामलला को एक भव्य समारोह के माध्यम से एक तंबू से भव्य मंदिर में स्थापित किया गया। ‘मैंने राष्ट्र की प्रगति, प्रधान सेवक (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अच्छे स्वास्थ्य और भारत के गौरव के लिए रामलला के चरणों में आशीर्वाद मांगा। साथ ही भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगा कि मेरा सेवा भाव उनके जैसा ही हो।

बता दें कि हाईप्रोफाइल अमेठी संसदीय क्षेत्र से भाजपा की ओर से लगातार तीसरी बार ईरानी उम्मीदवार बनाई गई हैं। इस संसदीय सीट तीन जिलों के पांच विधानसभा क्षेत्रों को मिलाकर बनाई गई है। इसमें जिले की चार विधानसभा क्षेत्रों के साथ ही रायबरेली जिले का सलोन विधान सभा क्षेत्र व जगदीशपुर विधानसभा क्षेत्र में सुल्तानपुर के बल्दीराय तहसील के 24 ग्राम पंचायतों के 62 बूथ शामिल हैं।

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