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मनोरंजन

देव आनंद मुझे अनाथ कर गए : किशोर भानुशाली

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kishor bhanushali

रायपुर । जूनियर देव आनंद यानी किशोर भानुशाली ने अपने रायपुर प्रवास के दौरान कहा कि देव आनंद के निधन के बाद उन्हें लगा, जैसे अनाथ हो गए। वह आज भी देव साहब को अपने अंदर जिंदा रखे हुए हैं। देव आनंद सदाबहार कलाकार थे, लोग जब उन्हें जूनियर देव आनंद कहते हैं तो वह गर्व महसूस करते हैं।

पत्रकारों से चर्चा के दौरान भानुशाली ने सभी सवालों के जवाब अपने खास देव आनंद के अंदाज में दिए। फिल्मों में कॉमेडी के बारे में उन्होंने पुराने दौर के महमूद, जॉनी वाकर, राजेंद्रनाथ की तारीफ की। साथ ही अपने कैरियर के उतार-चढ़ाव और खट्टे-मीठे अनुभव भी साझा किए।

भानुशाली खुद को देव आनंद की तरह दिखने और बोलने को अपना सौभाग्य मानते हैं। कॉमिक रोल में पहले और आज की फिल्मों में तुलना करते हुए भानुशाली कहते हैं कि पहले की फिल्मों में कॉमेडियन का अलग रोल होता था। जब डायरेक्टर प्रोड्यूसर फिल्म बनाने के बारे में चर्चा करते थे तो हीरो, हिरोइन, विलेन, सिंगर के साथ-साथ कॉमेडियन के किरदार में किसे लिया जाए, इस पर भी खासा मंथन होता था।

उन्होंने कहा, “लेकिन आज के सिनेमा में यह नहीं होता। अब फिल्मी हीरो और अन्य आर्टिस्ट से ही कॉमेडी करा ली जाती है।”

भानुशाली कहते हैं कि आज अक्षय कुमार, गोविंदा, सलमान खान और अन्य हीरो कलाकार ही फिल्मों में हास्य का उम्दा अभिनय कर लेते हैं, फिल्मों में अलग से हास्य कलाकार की जरूरत नहीं होती।

कॉमेडी के बारे में भानुशाली कहते हैं कि आज के दौर में टेंशन इतना ज्यादा है कि हर इंसान कुछ समय के लिए कॉमेडी देखकर अपना मन बहला लेता है। लोगों को चाहिए कि कुछ पल के लिए टेंशन मुक्त हो जाएं, इसके लिए कॉमेडी सीरियल और फिल्में देखकर वे टेंशन मुक्त हो सकते हैं।

जूनियर देव आनंद कहे जाने पर भानुशाली कहते हैं, “देव आनंद साहब बड़ी हस्ती थे। मुझे गर्व है कि मैंने उन्हें अपने अंदर जिंदा रखा है। पूरी दुनिया मुझे जूनियर देव आनंद के नाम से जानती है। मैं सभी तरह की एक्टिंग करता हूं, लेकिन कहा जाता है कि एक बार किसी पर ठप्पा लगता है तो कभी हटता नहीं है।”

भानुशाली जब 7वीं कक्षा में पढ़ते थे, तभी से फिल्मों में काम करना चाह रहे थे। उस समय फिल्म देखना गुनाह माना जाता था, जिस कारण चुपके से फिल्म देखने जाना पड़ता था। वह पैसे जमाकर फिल्में देखने जाया करते थे। बड़े संघर्ष के बाद फिल्म ‘दिल’ में काम मिला था।

किशोर कहते हैं, “इसके बाद खुद देव आनंद ने मुझे बुलाकर मेरे काम की तारीफ की थी। उन्होंने मुझसे कहा कि हमेशा आगे की ओर देखना, कभी पीछे मुड़कर नहीं देखना। जब देव साहब का निधन हो गया तो मुझे ऐसा लगा कि मैं अनाथ हो गया।” इतना कहते ही किशोर भावुक हो गए।

भानुशाली ने छत्तीसगढ़ी फिल्मों में काम करने की इच्छा जाहिर करते हुए कहा कि अगर ऑफर मिलेगा तो वह जरूर काम करेंगे। वह इन दिनों लोकप्रिय टीवी धारावाहिक ‘भाबी जी घर पर हैं’ में पुलिस कमिश्नर का किरदार निभा रहे हैं। वह अब तक कुल 70 फिल्मों में अपने अभिनय का कौशल दिखा चुके हैं। उनकी कुछ नई फिल्में भी आने वाली हैं।

प्रादेशिक

धनबाद में बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी के जीजा की सड़क हादसे में मौत, बहन की हालत गंभीर

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धनबाद। बॉलीवुड एक्टर पकंज त्रिपाठी के जीजा राकेश तिवारी की एक सड़क हादसे में मौत हो गई है। वहीं उनकी बहन की हालत गंभीर है जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।.हादसा बेहद भीषण था जिसमें उनकी कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है। ये एक्सिडेंट शनिवार की शाम करीब चार बजे धनबाद जिले के निरसा चौक के पास हुआ है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राकेश तिवारी पत्नी सरिता तिवारी के साथ अपनी कार से धनबाद से कोलकाता जा रहे थे। चश्मदीदों के मुताबिक कार तेज रफ्तार में थी। निरसा चौक पर एक ऑटो को बचाने के चक्कर में कार अनियंत्रित हो गई और डिवाइडर से टकरा गई। इसमें कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है।

हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। स्थानीय लोगों की मदद से एंबुलेस से धनबाद एसएनएमएमसीएच भेज दिया गया था। यहां राकेश तिवारी की इलाज के दौरान मौत हो गई। हालांकि, उनकी पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है. हादसे की खबर पाकर पंकज त्रिपाठी मुंबई से कोलकाता एयरपोर्ट उतरकर निजी कार से धनबाद के लिए रवाना हो गए हैं।

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