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दांत चमकाने के घरेलू उपायों को पहले परख लें

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लंदन| आप अब तक दांतों को चमकाने के लिए स्ट्रॉबेरी, केले के छिलके और नारियल तेल का इस्तेमाल करते आए होंगे, लेकिन एक विशेषज्ञ का सुझाव है कि पूरी जांच-परख के बाद ही इन विकल्पों को आजमाएं। वेबसाइट ‘फीमेलफर्स्ट डॉट को डॉट यूके’ के अनुसार, लंदन स्माइलिंग डेंटल ग्रुप की क्लिनिक निदेशक उछेना ओकोए ने कुछ सुझाव दिए हैं।

-स्ट्रॉबेरी : इस फल के बारे में कहते हैं कि एक पकी स्ट्रॉबेरी को मसलने के बाद इसमें अपना टूथ ब्रश डुबोने और उसके बाद उस ब्रश से दांत साफ करने से महज दो सप्ताह में आपके दांत हीरे की तरह चमक उठेंगे।

सच्चाई : यह सच है। स्ट्राबेरी में साइट्रिक एसिड होता है, जो दांतों की सतह की कठोरता कम कर सकता है। लेकिन इसमें मैलिक एसिड भी अधिक होता है। इसलिए दांत साफ करने के लिए एकदम पकी स्ट्रॉबेरी चुनें। इसे दांत पर मसलें और यह दांतों से गंदगी को हटा देगी।

-पिसी हल्दी : कहते हैं कि आधी चम्मच पिसी हल्दी में पानी की कुछ बूंद मिलाएं और मोटा घोल बनाने के लिए इसे मिला लें। इसमें अपना ब्रथ डुबोएं और इससे साफ करने से आपके दांत साफ हो जाएंगे।

सच्चाई : झूठ। ऐसा करना मुसीबत को न्योता देना है। दंत चिकित्सा में नियम है कि जो भी चीज सफेद कमीज पर दाग छोड़ेगी, वह आपके दांत पर भी दाग छोड़ेगी। सभी मसाले दांतों पर दाग छोड़ते हैं, लेकिन पीले मसाले ज्यादा खतरनाक होते हैं। दांतों को चमकाना तो दूर हल्दी उन्हें और बदरंग बना देगी।

-केले का छिलका : कहा जाता है कि केले में मौजूद उच्च पोटेशियम, मैग्नीशियम और मैगनीज दांतों से दाग हटाने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए पका केला छीलें और छिलके के अंदरूनी भाग को करीब दो मिनट उन पर रगड़ें। तीन सप्ताह बाद दांत चमक उठाएंगे।

सच्चाई : यह सच है। अगर आप इसे रगड़ते हैं, तो यह पपड़ी उतारने का काम कर सकता है और दांतों की सतह से दाग-धब्बे हटाएगा, लेकिन यह दांतों की जड़ों (इनेमल) तक नहीं पहुंचेगा, इसलिए ‘गहन’ सफाई नहीं करेगा।

-नारियल तेल : हर सुबह करीब 20 मिनट नारियल, तिल या जैतून के तेल से दांत साफ करना 3,000 साल पुराना आयुर्वेदिक तरीका है।

सच्चाई : इस बात का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि तेल रगड़ने से दांत सफेद या उनसे बैक्टीरिया दूर हो जाएंगे। संभावना है कि मुंह में तेल भरकर गरारे करने से मुंह के कुछ बैक्टीरिया या गंदगी निकल जाए। लेकिन इस बात का कोई सबूत नहीं है कि तेल लगाने से आपके दांत जगमगाने लगेंगे।

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भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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