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अन्तर्राष्ट्रीय

तिआनजिन विस्फोट : 8 लापता लोगों के जीवित होने की संभावना नहीं

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तिआनजिन। चीन के तिआनजिन के गोदाम में हुए विस्फोटों में लापता आठ लोगों का अब भी कुछ पता नहीं चला है। तिआनजिन प्रशासन ने शुक्रवार को घोषणा कि अब इन लोगों के जीवित होने की संभावनाएं नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि तिआनजिन के एक गोदाम में लगभग एक महीने पहले दो विस्फोट हुए थे, जिसमें 165 लोगों की मौत हो गई थी।

तिआनजिन नगरपालिक प्रशासन के सूचना कार्यालय ने कहा कि लापता लोगों के परिजनों द्वारा याचिकाएं दायर करने के बाद जिला अदालतें इन लोगों को मृत घोषित कर देंगी। तिआनजिन के गोदाम में 12 अगस्त की रात लगभग 11.30 बजे दो विस्फोट हुए थे। इस गोदाम में भारी मात्रा में टॉक्सिक रसायन रखा हुआ था। इन विस्फोटों में कुल 165 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें 99 दमकलकर्मी और 11 पुलिसकर्मी शामिल हैं। दमकलकर्मियों सहित अब भी आठ लोग लापता हैं। हजारों की संख्या में घायल लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। बिन्हाई न्यू एरिया के नागरिक मामलों का विभाग इन विस्फोटों में मारे गए दमकलकर्मियों को सम्मानित करेगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

कुवैत में संसद भंग, सभी कानून और संविधान के कुछ अनुच्छेद निलंबित

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नई दिल्ली। कुवैत के अमीर शेख मिशाल ने संसद को भंग कर दिया है। अमीर ने शुक्रवार को सरकारी टीवी पर एक संबोधन में इसकी घोषणा की। इसके अलावा अमीर ने देश के सभी कानूनों के साथ संविधान के कुछ अनुच्छेदों को चार साल तक के लिए निलंबित कर दिया है। इस दौरान देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के सभी पहलुओं का अध्ययन किया जाएगा। सरकारी टीवी के मुताबिक, इस दौरान नेशनल असेंबली की सभी शक्तियां अमीर और देश की कैबिनेट के पास होंगी।

एमीर ने सरकारी टीवी पर दिए अपने संबोधन में संसद भंग करने की घोषणा करते हुए कहा, “कुवैत हाल ही में बुरे वक्त से गुजर रहा है, जिसकी वजह से किंगडम को बचाने और देश के हितों को सुरक्षित करने के लिए कड़े फैसले लेने में झिझक या देरी करने के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कुछ सालों में देश के कई डिपार्टमेंट्स में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। भ्रष्टाचार की वजह से देश का महौल खराब हो रहा है। अफसोस की बात ये है कि भ्रष्टाचार सुरक्षा और आर्थिक संस्थानों तक फैल गया है। साथ ही अमीर ने न्याय प्रणाली में भ्रष्टाचार होने की बात कही है।

कुवैत पिछले कुछ सालों से घरेलू राजनीतिक विवादों से घिरा रहा है। देश का वेल्फेयर सिस्टम इस संकट का एक प्रमुख मुद्दा रहा है और इसने सरकार को कर्ज लेने से रोका है। इसकी वजह से अपने तेल भंडार से भारी मुनाफे के बावजूद सरकारी खजाने में पब्लिक सेक्टर के कर्मचारियों को वेतन देने के लिए बहुत कम पैसे बचे हैं। कुवैत में भी दूसरे अरब देशों की तरह शेख वाली राजशाही सिस्टम है लेकिन यहां की विधायिका पड़ोसी देशों से ज्यादा पावरफुल मानी जाती है।

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