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अन्तर्राष्ट्रीय

साइबर अपराधों से मिलकर निपटेंगे चीन-अमेरिका

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वाशिंगटन। चीन और अमेरिका के बीच साइबर अपराधों का मिलकर सामना करने पर सहमति बन गई है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विशेष दूत मेंग जिआनझू के अमेरिकी दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच यह सहमति बनी।

मेंग जिआनझू कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और सीपीसी केंद्रीय समिति के राजनीतिक और कानूनी मामलों के आयोग के प्रमुख भी हैं। मेंग ने अपनी इस चार दिवसीय यात्रा के दौरान अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी, होमलैंड सिक्योरिटी विभाग के सचिव जेह जॉनसन और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सुसन राइज के साथ साइबर अपराधों सहित कानून प्रवर्तन और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों को सुलझाने पर चर्चा की।

इस यात्रा के दौरान मेंग ने चीन के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालयों, सुरक्षा, न्याय एवं सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालयों के अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा कि चीन और अमेरिका दोनों ही देश अति विकसित इंटरनेट प्रौद्योगिकी से युक्त हैं। साइबर जगत में सुरक्षा के तमाम बढ़ते खतरों के बावजूद दोनों देशों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इस क्षेत्र में आपसी विश्वास और सहयोग को बढ़ाएं। उन्होंने साइबर हमलों और व्यावसायिक साइबर जासूसी के खिलाफ चीन के सख्त रुख पर जोर देते हुए कहा कि चीनी क्षेत्र में इस तरह की गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले को चीन के कानूनों के उल्लंघन का दोषी ठहराते हुए दंडित किया जाएगा।

अन्तर्राष्ट्रीय

भारत में अवसरों की भरमार, पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 सालों में देश ने अच्छी प्रगति की : वॉरेन बफे

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नई दिल्ली। बर्कशायर हैथवे के चेयरमैन और सीईओ वॉरेन बफे भारत की निवेश की संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने रविवार को कंपनी की सालाना बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत में अवसरों की भरमार हैं। उन्होंने कहा कि भारत अब 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है। बीते दस सालों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में देश ने सभी आर्थिक मानदंडों में अच्छी प्रगति की है। अब लगभग 3.7 ट्रिलियन डॉलर (अनुमान वित्त वर्ष 2023-24) की जीडीपी के साथ भारत आर्थिक रूप से पांचवां सबसे बड़ा देश है। एक दशक पहले देश 1.9 ट्रिलियन डॉलर (मौजूदा बाजार मूल्य) की जीडीपी के साथ भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस 10 साल की यात्रा में कई रिफॉर्म हुए जिसने देश को आर्थिक रूप से आगे बढ़ाया है।

रविवार को अपनी कंपनी की वार्षिक बैठक में वॉरेन बफेट ने कहा, भारत में नई संभावनाओं का पता लगाएं। यहां ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जिनको सर्च नहीं किया गया है या यहां मौजूद अवसरों पर ध्यान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा, मुझे यकीन है कि भारत में बहुत सारे अवसर हैं। सवाल यह है कि क्या हमें उनके बारे में जानकारी है, जिसमें हम भाग लेना चाहेंगे। बफेट देश में संभावित प्रवेश की तलाश में हैं। भारत की जीडीपी ग्रोथ एक नए शिखर पर पहुंचने के लिए तैयार है। विनिर्माण और ऑटोमोबाइल जैसे सेक्टरों ने फिर से सुधार देखना शुरू कर दिया है और जीएसटी कलेक्शन नई ऊंचाई हासिल कर रहा है।

आरबीआई के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, भारत की जीडीपी ग्रोथ महामारी से पहले 2020 के दौरान दर्ज की गई 7 प्रतिशत से ऊपर बढ़ने के संकेत हैं। आईएमएफ के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, 2004 में भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी 635 डॉलर थी। 2024 में देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी बढ़कर 2,850 डॉलर हो गई है, जो इसके समकक्ष देशों के लिए 6,770 डॉलर का 42 प्रतिशत है। इस महीने की शुरुआत में जारी एचएसबीसी सर्वे के अनुसार, मजबूत मांग के कारण भारत का विनिर्माण सेक्टर अप्रैल में मजबूत गति से बढ़ा। इसके अलावा विश्व चुनौतियों के बावजूद, एक लाख से अधिक स्टार्टअप और 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न के साथ देश ग्लोबल स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम बना हुआ है।

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