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नेशनल

जयललिता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी कर्नाटक सरकार

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बेंगलुरु। कर्नाटक सरकार ने सोमवार को फैसला किया कि तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बरी किए जाने के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट जाएगी। राज्य के कानून मंत्री टीबी जयचंद्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुझे उच्च न्यायालय द्वारा जयललिता की रिहाई के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में अपील करने के निर्देश दिए हैं।

इससे पहले राज्य मंत्रिमंडल ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के 11 मार्च के फैसले के खिलाफ विशेष लोक अभियोजक बी.वी.आचार्य और राज्य महाधिवक्ता रविवर्मा कुमार की सिफारिशें स्वीकार कर ली थी। कनार्टक उच्च न्यायालय ने 11 मई को आय से अधिक संपत्ति मामले में जयललिता को बरी कर दिया था। जयललिता ने 24 मई को चेन्नई में पांचवी बार राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। इससे पहले उच्च न्यायालय की एकल न्यायपीठ के न्यायाधीश सी.आर.कुमारस्वामी ने जयललिता के खिलाफ सभी आरोपों को समाप्त कर दिया था।

राज्य के पूर्व महाधिवक्ता आचार्य सर्वोच्च न्यायालय में इस मामले में बहस के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) होंगे। सत्तारूढ़ कांग्रेस के कानून प्रकोष्ठ ने पिछले महीने यद्यपि सरकार को सलाह दी थी कि वह सर्वोच्च न्यायालय में अपील न करे, क्योंकि सरकार का 19 वर्ष पुराने इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन मंत्रिमंडल ने अपने कानून अधिकारियों की राय पर मुहर लगा दी, वह भी तब जब सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस मामले में कर्नाटक अकेले अभियोजक एजेंसी है। इस मामले को एक स्थानीय अदालत ने 19 नवंबर, 2003 को चेन्नई से कर्नाटक स्थानांतरित कर दिया था।

कानून मंत्री जयचंद्रा के मुताबिक, “सर्वोच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों की पीठ ने 27 अप्रैल को राज्य सरकार को इस मामले में एसपीपी नियुक्त करने का निर्देश दिया था।” न्यायालय ने यह भी कहा था कि कर्नाटक को अपनी जिम्मेदारियां अवश्य समझनी चाहिए और निष्पक्ष अभियोजन सुनिश्चित करना चाहिए।

नेशनल

पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं: पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मालदा में एक चुनावी जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मेरा बंगाल से ऐसा नाता है जैसे मानो मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था या फिर शायद अगले जन्म में बंगाल में पैदा होना है। इसके साथ ही मोदी ने प्रदेश की सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस द्वारा किए गए बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के कारण लगभग 26 हजार परिवारों की शांति और खुशी खत्म हो गई है। पीएम मोदी ने यह बयान कलकत्ता हाईकोर्ट की एक खंडपीठ के हालिया आदेश के संदर्भ में दिया। जिसमें सरकारी स्कूलों में 25 हजार 753 टीचिंग (शिक्षण) और गैर-शिक्षण नौकरियों को रद्द कर दिया गया था।

पीएम मोदी ने आगे कहा, “नौकरियों और आजीविका के इस नुकसान के लिए केवल तृणमूल कांग्रेस जिम्मेदार है। राज्य सरकार ने राज्य में युवाओं के विकास के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं। जिन लोगों ने पैसे उधार लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को दिए उनकी हालत तो और भी खराब है।” पीएम मोदी ने राज्य सरकार और सत्तारूढ़ दल पर विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं के तहत दिए गए केंद्रीय फंड के उपयोग के संबंध में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार करने का भी आरोप लगाया। पीएम ने कहा, केंद्र सरकार ने राज्य के 80 लाख किसानों के लिए 8 हजार करोड़ रुपये उपलब्ध कराए हैं। लेकिन राज्य सरकार बाधा उत्पन्न कर रही है, इसलिए किसानों को राशि नहीं मिल पा रही है। राज्य सरकार सभी केंद्रीय परियोजनाओं के कार्यान्वयन को खराब करने की कोशिश कर रही है। वे राज्य में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होने दे रहे। हमारे पास मालदा जिले के आम किसानों के लिए योजनाएं हैं। लेकिन मुझे चिंता है कि तृणमूल कांग्रेस के नेता वहां भी कमीशन की मांग करेंगे। पीएम मोदी ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को बचाने का प्रयास करने का भी आरोप राज्य सरकार पर लगाया।

उन्होंने कहा कि संदेशखाली में महिलाओं को प्रताड़ित किया गया। मालदा में भी ऐसी ही घटनाओं की खबरें आई थीं। लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने हमेशा आरोपियों को बचाने का प्रयास किया है। पीएम मोदी ने आगे कहा कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच तुष्टिकरण की राजनीति की प्रतिस्पर्धा चल रही है। एक तरफ तृणमूल कांग्रेस पश्चिम बंगाल में अवैध घुसपैठ को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर, कांग्रेस आम लोगों से पैसा जब्त करने और इसे केवल उन लोगों के बीच वितरित करने की योजना बना रही है जो उनके समर्पित वोट बैंक का हिस्सा हैं। कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस का गुप्त समझौता है।

 

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