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अन्तर्राष्ट्रीय

जप्पोस का बिना बॉस की दुनिया में यकीन

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सैन फ्रांसिस्को| दुनिया बॉस के बिना चल सकती है। कम से कम जप्पोस जैसी कई कंपनियों का तो यही विश्वास है। ऑनलाइन विपणन कंपनी ने गत वर्ष अप्रैल में सभी प्रबंधकीय पद समाप्त कर दिए और कारोबार की लगाम आम कर्मचारियों के हाथ में सौंप दी है।

समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, ई-टेल कंपनी निरंतर बढ़ रही उस कारपोरेट चलन का एक हिस्सा है, जो यह मानती है कि यदि कर्मचारियों में वरिष्ठता और कनिष्ठता का वर्गीकरण समाप्त कर दिया जाए, तो उनमें बढ़चढ़कर काम करने की भावना, आपसी सहयोग, नवाचार और विचारों का खुला-आदान प्रदान बढ़ता है।

इस अभियान से जुड़े लोग ‘होलोक्रेसी’ जैसे प्रबंधन दर्शनों में आस्था रखते हैं। इस दर्शन के तहत फैसला लेने का काम प्रबंधन नहीं, बल्कि स्वयं अनुशासित टीम करती है।

जप्पोस ने यह प्रयोग 2013 में कर्मचारियों के एक छोटे समूह के साथ शुरू किया था। इसके बाद इस मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी हसी ने घोषणा की कि वह सभी प्रबंधन पद समाप्त कर कारोबारी की बागडोर करीब 1,500 कर्मचारियों के हाथ में छोड़ देना चाहते हैं।

इसके बाद कंपनी ने काम के आधार पर कर्मचारियों को अलग-अलग वर्गो में बांटना शुरू कर दिया और बैठकों के जरिए प्रत्येक समूह की भूमिका और जवाबदेही तथा लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर दिया।

हर पद्धति के अपने नफा और नुकसान होते हैं। इस महीने जप्पोस ने कहा कि उसके 14 फीसदी या 200 से कुछ अधिक कर्मचारी काम छोड़ रहे हैं। कंपनी हालांकि मानती है कि इस पद्धति से जो लाभ होगा, उसके सामने नुकसान बौना हो जाएगा।

अभी दुनियाभर में कई कंपनियां बढ़चढ़ कर अपने यहां इस व्यवस्था को लागू करती जा रही हैं।

ब्रिटिश परामर्श कंपनी फ्यूचर कंसीडरेशंस के सह-संस्थापक मार्क यंग ने हाल में एक बयान में कहा कि उसकी कई बड़ी ग्राहक कंपनियां अपने कुछ समूहों के बीच निर्णय निर्माण प्रक्रिया का विकेंद्री करने का प्रयोग कर रही हैं।

ब्रिटिश स्टोर श्रृंखला जॉन लेविस ने इस पद्धति को अपना लिया है और 80 हजार कर्मचारियों के हाथ में कारोबार की बागडोर सौंप दी है।

‘वाल स्ट्रीट’ जर्नल के मुताबिक, करीब 300 कंपनियों ने होलोक्रेसी पद्धति को अपना लिया है, जिसका प्रतिपादन करीब एक दशक पहले किया गया था।

अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका के साउथ कैरोलिना में बड़ा सड़क हादसा, गुजरात की तीन महिलाओं की मौत

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नई दिल्ली। अमेरिकी राज्य साउथ कैरोलिना में एक घातक कार दुर्घटना में गुजरात के आणंद की रहने वाली तीन महिलाओं की जान चली गई। मृतकों की पहचान रेखाबेन पटेल, संगीताबेन पटेल और मनीषाबेन पटेल के रूप में हुई है।

यह दुर्घटना अटलांटा से ग्रीन वैली साउथ कैरोलिना जाते समय हुई। कार डिवाइडर से टकराकर 20 फीट ऊपर उछली और सड़क के दूसरी तरफ पेड़ों के बीच जाकर गिरी। यह हादसा अमेरिकी समयानुसार शुक्रवार सुबह 11 बजे हुआ।

हादसे में तीन महिलाओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि कार चला रही महिला को गंभीर चोटें लगी हैं और वह अस्पताल में भर्ती है। हादसे के तुरंत बाद अपातकालीन सेवाओं की टीम और साउथ कैरोलीना हाइवे पेट्रोल टीम, स्थानीय अग्निशमन दल और रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंचीं और सभी को गाड़ी से बाहर निकाला। कार चला रही महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया।

तीनों महिलाएं एक-दूसरे की रिश्तेदार हैं। इनके पति आपस में भाई हैं। पूरा परिवार 1985 में अमेरिका में बस गया था। तीनों जॉर्जिया की रहने वाली थीं। वाहन की पहचान करने वाले सिस्टम ने पहले ही पटेल परिवार को चेतावनी दी थी।

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