अन्तर्राष्ट्रीय
गर्भाशय कैंसर की जल्द पहचान संभव
वाशिंगटन| वैज्ञानिकों ने ऐसे जेनेटिक मटेरियल की खोज की है, जो कैंसर की कोशिकाओं की पहचान कर उन्हें सामान्य कोशिकाओं से अलग कर सकता है। इस खोज के साथ ही गर्भाशय कैंसर की पहचान प्रारंभिक अवस्था में हो पाने के रास्ते खुल गए हैं। इन जेनेटिक मटेरियल में छह एमआरएनए आईसोफार्म्स शामिल हैं, जो गर्भाशय कैंसर की कोशिकाओं से निर्मित होते हैं, लेकिन सामान्य कोशिकाओं को गर्भाशय कैंसर की प्रारंभिक अवस्था की पहचान में उपयोग नहीं किया जा सकता।
गर्भाशय कैंसर की पहचान और इलाज काफी मुश्किल है, जिस कारण इसे खतरनाक जानलेवा बीमारी माना जाता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, सेन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसीन एवं मूरेस कैंसर सेंटर के शोधकर्ता वैज्ञानिक क्रिश्चियन बेरेट ने कहा, “हमें इसकी प्रेरणा कई अध्ययनों से मिली जो कैंसर की पहचान के लिए डीएनए के इस्तेमाल को लेकर किए गए थे।”
वैज्ञानिकों ने छह एमआरएनए आईसोफार्म मोलेक्यूल्स की खोज की, जिनमें ट्यूमर के लक्षण होते हैं और जिनसे गर्भाशय कैंसर की पहचान होती है।
शोधकर्ताओं ने अध्ययन के लिए 296 गर्भाशय कैंसरों से एकत्र किए गए एमआरएनए के अनुक्रम आंकड़ों एवं 1,839 सामान्य उत्तकों का विश्लेषण किया।
यह अध्ययन ‘प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज’ में प्रकाशित हुआ है।
अन्तर्राष्ट्रीय
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान, ‘पाकिस्तान के इस सैन्य तानाशाह को कब्र से निकालकर फांसी पर लटकाना चाहिए’
नई दिल्ली। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने नेशनल असेंबली में एक बहस के दौरान कहा कि संविधान को निरस्त करने के लिए अयूब खान के शव को कब्र से निकालकर उसको फांसी पर लटका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अयूब खान ने संविधान को रद्द करने का जो काम किया था, उसके लिए उनको कभी माफ नहीं किया जा सकता है। आसिफ ने ये कमेंट असेंबली में विपक्ष के नेता और अयूब खान के पोते उमर अयूब खान से बहस के दौरान किया। उमर ने सेना की पिछले सप्ताह की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर सवाल उठाते हुए फौज के राजनीति में हस्तक्षेप पर एतराज जताया था। इसके बाद जवाब में ख्वाजा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
इससे पहले उमर अयूब खान ने कहा कि संविधान के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां राजनीति में शामिल नहीं हो सकती हैं। उन्होंने संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला देते हुए कहा कि सैन्य अधिकारियों की शपथ उन्हें राजनीति में हस्तक्षेप करने की इजाजत नहीं देती। उन्होंने कहा ‘‘सुरक्षा संस्थानों को संविधान के अनुसार, राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। यह संवाददाता सम्मेलन नहीं होना चाहिए था।’’ उन्होंने अनुच्छेद छह का हवाला देते हुआ कहा कि संविधान को निरस्त करना दंडनीय देशद्रोह है जिसके लिए मौत की सजा तय है। उन्होंने आग्रह किया कि सभी संस्थानों को संवैधानिक सीमाओं के भीतर रहना चाहिए।
रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा कि अयूब खान संविधान का उल्लंघन करने वाले पहले व्यक्ति थे और उन्हें अनुच्छेद छह का सामना करने वाला भी पहला व्यक्ति होना चाहिए। रक्षा मंत्री आसिफ ने कहा, “देश में पहला मार्शल लॉ लागू करने वाले झूठे फील्ड मार्शल अयूब खान के शरीर को भी (अनुच्छेद 6 के अनुसार) खोदकर निकाला जाना चाहिए और फांसी दी जानी चाहिए।”
-
लाइफ स्टाइल8 hours ago
गर्मियों में रोजाना मूली खाने से होंगे कई फायदे, आज ही करें डाइट में शामिल
-
नेशनल2 days ago
केजरीवाल ने किया 10 गारंटियों का एलान- 24 घंटे मुफ्त बिजली, सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा का वादा
-
नेशनल2 days ago
तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में बम बनाने को एक कुटीर उद्योग बना दिया है : पीएम मोदी
-
नेशनल1 day ago
बाराबंकी के हैदरगढ़ में बोले CM योगी- ये चुनाव रामभक्तों और रामद्रोहियों के बीच
-
मनोरंजन2 days ago
आ गई ‘बॉर्डर 2’ की रिलीज डेट, सनी देओल के साथ आयुष्मान खुराना भी आएंगे नजर
-
नेशनल2 days ago
अखिलेश यादव ने दी बीजेपी को चेतावनी, कहा- वोट डालने से किसी को रोका तो
-
उत्तर प्रदेश2 days ago
पीएम मोदी के नामांकन से पहले अमित शाह और सीएम योगी पहुंचे वाराणसी, तैयारियों का लिया जायजा
-
नेशनल2 days ago
पीएम मोदी केवल धर्म के नाम पर वोट मांगते हैं : प्रियंका गांधी